अम्फान तूफान से बचाएगी सेना: हालात इतने खराब, CM ममता को मांगनी पड़ी मदद

पश्चिम बंगाल अम्फान तूफ़ान से काफी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। यहां कई इलाकों में बिजली पानी समेत आवश्यक सेवाएं ठप्प हैं। इन परेशानियों से निपटने के लिए सरकार को सेना, रेलवे और बंदरगाह की मदद की जरूरत हैं। इसे लेकर गृह मंत्रालय की ओर से जानकारी भी दी गयी।

Update: 2020-05-23 15:20 GMT

कोलकाता: कोरोना वायरस ने वैसे भी देश में तबाही मचा रखी है, इसी बीच चक्रवर्ती तूफ़ान अम्फान से पश्चिम बंगाल बुरी तरह प्रभावित हो गया है। अभी तक तो लोग लॉकडाउन के कारण घर पर किसी तरह वक्त गुजार रहे थे लेकिन अम्फान के कारण तबाही इतनी बढ़ गयी कि अब लोग बिजली पानी को तरस गए। आलम ये हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस संकट से निपटने के लिए सेना से मदद मांगी है।

पश्चिम बंगाल अम्फान तूफान से काफी बुरी तरह प्रभावित

दरअसल, पश्चिम बंगाल अम्फान तूफ़ान से काफी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। यहां कई इलाकों में बिजली पानी समेत आवश्यक सेवाएं ठप्प हैं। इन परेशानियों से निपटने के लिए सरकार को सेना, रेलवे और बंदरगाह की मदद की जरूरत हैं। इसे लेकर गृह मंत्रालय की ओर से जानकारी भी दी गयी।

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ममता सरकार ने मांगी सेना, रेलवे और बंदरगाह से मदद

इस ट्वीट के जरिये विभाग ने बताया, ''सेना की मदद मांगी गई है, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के दस्ते तैनात हैं, रेलवे, बंदरगाह और निजी क्षेत्र से भी आपूर्ति दल और उपकरणों के लिए अनुरोध किया गया है।''

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तूफ़ान प्रभावित इलाकों में बिजली पानी को तरस रहे लोग

गृह विभाग ने बताया कि क्षेत्रों में पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए फ़िलहाल में लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग प्रभावित इलाकों में पानी की थैलियों का वितरण कर रहा है। वहीं बिजली के खंभे उखड़ जाने और संचार लाइनें टूट जाने से कई इलाके अंधकार में डूबे हुए है। कई विभाग और निकाय से जुड़े 100 से ज्यादा दल क्षेत्रों में गिरे हुए पेड़ों को काटने में लगे हुए हैं, ताकि बिजली की आपूर्ति भी की जा सके।

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पानी की निकासी के प्रयास में सरकार

वहीं तूफान के कारण आये पानी की निकासी के लिए आधारभूत धंधे को तेजी से लागू किया जा रहा है। समस्या से निजात के लिए जरूरत के हिसाब से जनरेटरों को किराये पर लिया जा रहा है।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में करीब 1.5 करोड़ लोग तूफ़ान से सीधे प्रभावित हैं। करीब 10 लाख से ज्यादा घर बर्बाद हो चुके हैं। सड़कें बाधित हो गयी है। अब तक 85 लोगों की मौत हो चुकी है।

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