जानें कौन हैं कॉनराड संगमा, रातोंरात मेघालय की कुर्सी पर जमाई अपनी पैठ

Update:2018-03-06 11:16 IST

लखनऊ। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों की चुनावी जंग खत्म होने के बाद अब सरकार बनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में मेघालय के नवनिर्वाचित सीएम कोनराड संगमा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली। गौरतलब है एनपीपी की अगुवाई में बन रही सरकार में बीजेपी भी हिस्सेदार है। इस दौरान शपथ कार्यक्रम में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे।

लेकिन, अब सवाल ये उठता है कि, जिस कॉनरोड संगमा का नाम चुनावी लहर तो क्या बल्कि सीएम प्रत्याशी के तौर पर भी कहीं दूर-दूर तक सुनने में नहीं आ रहा था। आखिरकार आज मेघालय की गद्दी उसके नाम कैसे हो गई।

तो आइये जानते है कि, आखिर कौन है ये कॉनरोड संगमा जिन्होंने रातोंरात मेघालय की सीएम कुर्सी अपने नाम कर ली।

पूर्व मुख्यमंत्री व लोकसभा अध्यक्ष के बेटे हैं कॉनरोड संगमा-

मेघालय में मजबूत नेता के रूप में सामने आए कोनराड संगमा राज्य में आठवीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। उन्होंने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के विधायक के रूप में सदन में विपक्ष का नेतृत्व किया।

27 जनवरी 1978 को जन्मे कोनराड संगमा वेस्ट गारो हिल्स जिले के सेलसेल्ला निर्वाचन क्षेत्र का विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया।

मेघालय की राजनीति में कॉनराड संगमा की शुरुआती पहचान पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के बेटे की रही है।कॉनराड 16वीं लोकसभा में अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र तुरा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

कॉनराड संगमा के बारे में लंबे समय तक ये कहा जाता रहा कि वो अपने पिता की पार्टी (एनपीपी) संभाल नहीं पाएंगे, लेकिन सीएम पद की रेस में वे आगे निकल गए।

दिलचस्प बात ये भी है कि कॉनराड ने इस बार का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है।

पिता के प्रचार प्रबंधक के तौर पर काम करते थे कॉनरोड-

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कोनराड संगमा 1990 दशक के अंतिम दिनों में पिता पीए संगमा के प्रचार प्रबंधक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। उस समय पीए संगमा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में थे। बता दें कि राकांपा से विवाद के बाद अलग होकर पीए संगमा ने जुलाई 2012 में नेशनल पीपुल्स पार्टी का गठन किया था।

बेटी अगाथा संगमा को माना जाता था उत्तराधिकारी-

राजनीतिक पर्यवेक्षकों के मुताबिक़ पीए संगमा की राजनीतिक विरासत की उत्तराधिकारी पीए संगमा की बेटी अगाथा संगमा को माना जाता था। अगाथा केंद्र में मंत्री रहीं, राज्य की राजनीति में सक्रिय थीं और मुख्यमंत्री पद की रेस में भी उनका नाम सबसे ऊपर था।

लेकिन मेघालय की राजनीति में पिछले बारह घंटे इस कदर अहम रहे कि अगाथा की जगह कॉनराड का नाम तय हो गया।

वित्त मंत्री रह चुके है कॉनरोड-

कॉनराड सबसे पहली बार 2008 के चुनावों में जीतकर मेघालय विधानसभा में पहुंचे। उन्हें राज्य का सबसे नौजवान वित्त मंत्री होने का रुतबा हासिल है। अभी वह मेघालय की तुरा सीट से लोकसभा सदस्य हैं।

यहाँ से पूरी की पढ़ाई-

उनकी विद्यालयी शिक्षा सेंट कोलम्बस विद्यालय, नई दिल्ली से तथा उच्च शिक्षा लंदन विश्वविद्यालय तथा पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय से हुई।

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