मुलायम की बहू पर मेहरबान योगी सरकार, प्रदान की Y श्रेणी सुरक्षा

अपर्णा को शुरू से ही योगी सरकार के काफी करीबी माना जाता है। अपर्णा इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात भी कर चुकी हैं।

Update:2020-06-14 12:25 IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी की मुख्य विरोधी पार्टी समाजवादी पार्टी है। विधानसभा में भी मुख्य विपक्ष ही है। आये दिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव बीजेपी और और योगी सरकार पर निशाना भी साधते ही रहते हैं। लेकिन योगी सरकार सपा संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और नेता अपर्णा यादव पर काफी खुश और मेहरबान है। इसी लिए सर्कार की ओर से अपर्णा को Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।

सीएम योगी को मानती हैं अपने गुरु जैसा

एडीजी सुरक्षा द्वारा गृह (पुलिस) विभाग अनुभाग-16 के संयुक्त सचिव सुनील कुमार ने इस संबंध में जानकारी देते हुए आदेश जारी किया है। अपर्णा मुलायम सिंह के दुसरे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। अपर्णा को शुरू से ही योगी सरकार के काफी करीबी माना जाता है। अपर्णा इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात भी कर चुकी हैं। अपर्णा कई मौकों पर योगी सरकार की तारीफ़ भी करती रहती हैं। गौरतलब है कि अपर्णा लखनऊ की कैंट सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2017 में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं।

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अपर्णा के बीजेपी में शामिल होने की भी अटकलें लगती रहीं हैं। क्योंकि अपर्णा कई बार योगी सरकार के कामों की खुले दिल से तारीफ़ कर चुकीं हैं। अपर्णा ने सीएम योगी की तारीफ़ करते हुए कहा था कि सीएम बनने के बावजूद योगी आदित्यनाथ जमीन से जुड़े हुए हैं। वह मेरे लिए गुरु जैसे हैं। साथ ही हिंदूवादी होना कोई गुनाह नहीं है। वह पूरे प्रदेश को साथ लेकर चलने वाले हैं धर्म-जाति और समुदाय से ऊपर उठकर वह हमेशा सभी की मदद के लिए तत्पर रहते हैं।

विधानसभा उपचुनाव में सपा ने किया दरकिनार

अपर्णा की बीजेपी और सीएम योगी से नजदीकियों के चलते सपा ने भी अपर्णा को थोड़ा दरकिनार करना शुरू कर दिया। इसका एक उदाहरण पिछले साल सितंबर में यूपी में विधानसभा उपचुनाव में भी देखने को मिला था। सपा ने इन विधानसभा उपचुनाव में अपर्णा यादव को लखनऊ कैंट से टिकट न देकर समाजवादी पार्टी ने मेजर आशीष चतुर्वेदी को चुनाव मैदान में उतारा था।

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जबकि 2017 में लखनऊ कैंट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी अपर्णा यादव थीं लेकिन उप चुनाव में पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया। हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी यहां से चुनाव जीती थीं और अपर्णा यादव ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी। वह दूसरे नंबर पर रही थीं. ऐसे में अपर्णा यादव को स्वभाविक दावेदार माना जा रहा था लेकिन पार्टी ने आशीष चतुर्वेदी पर दांव लगाया है।

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