पंजाब में लगेगा राष्ट्रपति शासन? कांग्रेस के 42 MLAs ने एक साथ दिया इस्तीफा
चंडीगढ़: सतलुज-यमुना लिंक नहर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पंजाब की राजनीति तेजी से बदलने लगी है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के 42 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह गुरुवार को ही लोकसभा से इस्तीफा दे चुके हैं।
इसी बीच सतलुज-यमुना लिंक नहर विवाद के चलते हरियाणा रोडवेज ने जींद से पंजाब जाने वाली सभी रूटों की बसें बंद कर दी हैं। परिवहन विभाग ने सुरक्षा की दृष्टि से यह कदम उठाया है।
अकाली सरकार के खिलाफ करेंगे प्रदर्शन
विधायकों के इस्तीफे के बाद कैप्टन अमरिंदर ने कहा, 'हम अपने विधायकों और सांसदों के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को ज्ञापन सौपेंगे। अमरिंदर बोले, 'हम अकाली सरकार के खिलाफ विरोध शुरू करेंगे क्योंकि सरकार पंजाब के हित में काम नहीं कर रही है।' कांग्रेस के इस कदम के बाद राजनीतिक जानकार आशंका जाहिर कर रहे हैं कि हो सकता है कि पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रपति शासन लग जाए।
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SC से पंजाब सरकार को झटका
सुप्रीम कोर्ट ने सतलुज-यमुना लिंक नहर पर निर्माण कार्य को जारी रखने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस फैसले से पंजाब सरकार को करारा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद इस मसले को लेकर पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई थी। बैठक में फैसला लिया गया कि पंजाब पानी का एक भी बूंद पंजाब से बाहर जाने नहीं देगा।
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राष्ट्रपति से करेंगे अपील
प्रकाश सिंह बादल की अगुवाई में हुई इस आपात में फैसला लिया गया कि इस मसले को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अपील की जाएगी कि वो भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ना मानें। इस मसले को लेकर पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र 16 नवंबर को बुलाया गया है।
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