लखनऊ: सपा मुखिया व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी यूपीकोका का विरोध करते हुए कहा है, कि 'यह कानून बीजेपी अपने राजनीतिक विरोधियों को डराने के लिए ला रही है। गर्वनर हाउस या सीएम आवास के बगल में हत्या हो जाए तो क्या कानून-व्यवस्था सही है। बीजेपी के लोग कह रहे थे कि एनकाउंटर से कानून व्यवस्था ठीक हो गई, ठीक तो नहीं हुई, उसके लिए यूपीकोका ला रहे हैं। इससे काूनन व्यवस्था नहीं ठीक होगी। लॉ एंड ऑर्डर यूपी 100, 1090 जैसी व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने से सुधरेंगी। हम पर आरोप लगते थे कि आप जाति के आधार पर नियुक्तियां कर रहे हैं। आप कम से कम ऐसे अधिकारी नियुक्त करें जो वाकई में कानून व्यवस्था ठीक करने के लिए काम करना चाहते हैं।'
मुख्तार अंसारी ने भी मिलाया मायावती के सुर में सुर
विधायक मुख्तार अंसारी ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है, कि 'उनकी जेल बदली जा रही है। इस समय वह बांदा जेल में परेशान हैं। मेरे विरोधी बृजेश सिंह और सुशील सिंह को उनके गृह जिले वाराणसी की जेल में रखा गया है, जहां हर रोज हजारों मुलाकातें हो रही हैं। चूंकि, वह बीजेपी से जुड़े हैं। इसलिए उनको अपराधी नहीं माना जा रहा है। सरकार को एक जैसा कानून लाना चाहिए।'
राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने की मंशा
अंसारी ने यूपीकोका का विरोध करते हुए कहा, कि 'यह कानून सिर्फ अपने राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के उद्देश्य से लाया गया है। इससे दलित, ओबीसी और अकलियत के लोग डरे हुए हैं। इसका गलत इस्तेमाल कर भाजपा अपने राजनीतिक विरोधियों को परेशान कर जेलों में बंद कर सजा कराने का काम करेगी।
सीआरपीसी में ही है पर्याप्त ताकत
यूपीकोका कानून को वापस लेने की मांग करते हुए अंसारी ने कहा, कि 'यूपी में सीआरपीसी में पर्याप्त ताकत है। पहले टाडा और पोटा कानून बना था। इसका खूब विरोध हुआ, इस कानून का भी बड़े पैमाने पर विरोध किया जाएगा।'