संजय तिवारी
लखनऊ: आतंकी संगठन आईएसआईएस और पकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई मिलकर भारत को अस्थिर करने की साजिश कर रहे हैं। भारत में पहले से ही आईएसआई के स्लीपिंग मॉड्यूल्स का इस्तेमाल अब आईएसआईएस करने लगा है। ये दोनों ही मिलकर यहां उपद्रव कराने में जुटे हैं।
भारतीय एजेंसियो को इस बारे की पुख्ता जानकारी हाथ लग चुकी है। ये एजेंसियां भारत-नेपाल की खुली सीमा के जरिए देश में अपने घुसपैठिए भेज रही हैं। इन जानकारियों के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियां काफी सतर्कता से इनके नेटवर्क को खंगाल रही है। दक्षिण भारत और गुजरात में ऐसी ही दो बड़ी साजिशों को भारतीय एजेंसियों ने विफल कर दिया है। इन एजेंसियों की साजिश के पीछे मोदी से बदले की भावना भी है।
'स्लीपिंग मॉड्यूल्स' फिर जागे
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि आईएसआईएस भारत में अपना जाल फैलाने की कोशिश में है। इसके लिए पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के पहले से ही भारत में स्लीपिंग मॉड्यूल्स रह चुके लोग काफी काम के लग रहे हैं। खासतौर पर युवा इनके जाल में जल्दी ही फंस जाते हैं। केरल के कन्नूर अौर गुजरात में ऐसे ही आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है जो दक्षिण भारत अौर गुजरात में बड़ा धमाका करने की तैयारी कर रहे थे। कन्नूर में पुलिस ने आतंकी संगठन आईएस से संबंध होने के शक में दो और लोगों को गिरफ्तार किया। इससे पहले बुधवार को भी पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया, कि यह तीनों कई साल पहले राज्य छोड़कर चले गए थे। बताया जाता है कि तीनों सीरिया गए थे और वहां उन्होंने आतंकी संगठन से प्रशिक्षण हासिल किया था।
कर रहे थे बड़े हमले की तैयारी
एजेंसियों के अनुसार ये लोग दक्षिण भारत के महत्वपूर्ण स्थानों पर बड़े हमले करने की तैयारी में थे। सूत्रों का कहना है, कि इन लोगों ने एक योजना बनाई थी और ये लोग इस योजना को अंजाम देने की फिराक में थे, जिसके लिए ये लोग विस्फोटक इकट्ठा कर रहे थे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जिन तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनके नाम रशीद, रज्जाक, मिथिलाज हैं। ये लोग टर्की में थे और सीरिया जाने की फिराक में थे, लेकिन इनके बारे में जानकारी मिलने के बाद टर्की की पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर भारत डिपोर्ट कर दिया।
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गुजरात से दो गिरफ्तार
इसी बीच गुजरात एटीएस ने आईएस के दो सस्पेक्टेड आतंकियों को अरेस्ट किया है। ये गुजरात चुनाव के दौरान अहमदाबाद के खडिया इलाके में एक यहूदी धर्मस्थल पर ब्लास्ट करने की तैयारी में थे। बताया जा रहा है, कि यह हमला 7 जुलाई को लंदन में ब्लास्ट करवाने में अहम किरदार निभाने वाले अब्दुल फैजल के इशारे पर किया जाना था।
कल्याण से भागकर इराक गए युवक की मौत उधर, कल्याण से भागकर आईएसआईएस की तरफ से जंग लड़ने इराक गए चार युवकों में से एक फहाद शेख मारा गया है। उसके पिता डॉक्टर तनवीर शेख के मुताबिक, इराक से एक अज्ञात शख्स ने फोन पर उन्हें यह इन्फॉर्मेशन दी। हालांकि, फोन करने वाले ने यह नहीं बताया कि उसकी मौत कैसे हुई। तनवीर ने कल्याण पुलिस और एटीएस टीम को इसकी जानकारी दे दी है। बता दें, कि फहाद के साथ इराक गए उसके एक दोस्त आरिब मजीद को डिपोर्ट कर मुंबई लाया गया था।
आयशा हामिदन को धर-दबोचा
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले ही आईएसआईएस के लिए काम करने वाली महिला करेन आयशा हामिदन को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NBI) ने फिलीपींस से गिरफ्तार किया है। आयशा हामिदन फिलीपींस आतंकवादी नेता मोहम्मद जाफार मैकिड की विधवा है। हामिदन का काम संगठन में नए आतंकियों की भर्ती करना था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने फिलीपींस सरकार से हामिदन के बारे में जानकारी और सुबूत जुटाने के लिए मदद मांगी थी। जिसके बाद से फिलीपींस की राष्ट्रीय जांच एजेंसी आयशा हामिदन को लेकर काफी अलर्ट हो गई थी। एनआईए को इस बात पर पहली बार शक तब हुआ जब भारत में गिरफ्तार किए गए दो आईएस आतंकियों मोहम्मद सिराजुद्दीन और मोहम्मद नासिर का लिंक हामिदन के साथ जोड़ा गया था।
मोदी के सत्ता में आने से बढ़ी बेचैनी
सूत्रों का कहना है, कि भारत में प्रखर हिंदू छवि वाले नरेंद्र मोदी की सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही ये संगठन काफी बेचैन थे। अब इनको भारत के उन असंतुष्ट मुसलमानों का भी समर्थन मिलने लगा है जो इस सरकार को नापसंद करते हैं। यह प्रक्रिया तब से और तेज हो गई है जब से ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर हर मुसलमान परिवार के भीतर मोदी को लेकर एक नरम पक्ष भी उभरने लगा है। यह स्थिति कट्टरपंथी लोगों को खराब लग रही है। इसी बीच गुजरात में होने वाले चुनावों में फिर से मोदी के उभरने को लेकर भी ये काफी बेचैन हैं। इसीलिए अब ये दोनों एजेंसियां मिलकर मोदी के खिलाफ काम करने में जुटी हैं। खास तौर पर गुजरात को इन लोगों ने इसीलिए अपने निशाने पर रखा है।