नई दिल्लीः ब्रिटेन ने अपनी महारानी के ताज में लगे कोहिनूर हीरे को भारत को लौटाने से साफ इनकार कर दिया है। खास बात ये है कि ये इनकार ब्रिटेन ने अपने भारतीय मूल के मंत्री से करवाया है। ब्रिटेन का कहना है कि कोहिनूर को भारत को वापस करने का कोई कानूनी आधार नहीं है। बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने बीते दिनों कहा था कि कोहिनूर की वापसी के लिए ब्रिटिश सरकार से बात की जाएगी।
क्या है कोहिनूर का इतिहास?
-ये हीरा गोलकुंडा की खदानों से निकाला गया था।
-मुगल बादशाह मुहम्मद शाह को पराजित करने के बाद नादिर शाह अपने साथ ईरान ले गया।
-काफी अर्से बाद कोहिनूर हीरा पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह की संपत्ति बना।
-अंग्रेजों से तीसरे युद्ध में सिखों की हार के बाद रणजीत सिंह के बेटे दिलीप सिंह ने अंग्रेजों को कोहिनूर दे दिया था।
क्या बोले ब्रिटिश मंत्री?
-ब्रिटेन के एशिया-प्रशांत क्षेत्र मामलों के मंत्री आलोक शर्मा पहले दौरे पर भारत आए हैं।
-उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकार का मानना है कि कोहिनूर लौटाने का कोई कानूनी आधार नहीं है।
-ये हीरा ब्रिटिश महारानी के ताज में लगा है और इसे टावर ऑफ लंदन में प्रदर्शित किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने बदला था रुख
-मोदी सरकार ने बीते अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि कोहिनूर वापस नहीं ला सकते।
-सरकार ने एक याचिका पर जवाब में कहा था कि अंग्रेज इस हीरे को लूटकर नहीं ले गए थे, बल्कि उन्हें गिफ्ट मिला था।
-सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फटकार लगाई थी, जिसके बाद सरकार ने कहा था कि वह ब्रिटेन से इस बारे में बात करेगी।
-सरकार ने अदालत से ये भी कहा था कि कोहिनूर हीरे को वापस लाने के लिए वह हर संभव कदम भी उठाएगी।
फोटोः ब्रिटिश ताज के बीच में लगा कोहिनूर हीरा