भारतीय विधि व्यवस्था: CJI खेहर ने किया भारत में विदेशी वकीलों का समर्थन
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) जेएस खेहर ने शनिवार को भारतीय विधि व्यवस्था में विदेशी वकीलों के प्रवेश का समर्थन किया है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 'विनिमय' प्रणाली के तहत ऐसा किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) जेएस खेहर ने शनिवार को भारतीय विधि व्यवस्था में विदेशी वकीलों के प्रवेश का समर्थन किया है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 'विनिमय' प्रणाली के तहत ऐसा किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विदेशी विशेषज्ञों के लिए भारतीय विधि क्षेत्र को खोलने से देश की कानून व्यवस्था में सुधार आएगा और भारतीय वकीलों को इस बात की आशंका नहीं होनी चाहिए, कि वे (विदेशी वकील) उनकी नौकरियां ले लेंगे।
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अंतर्राष्ट्रीय कानून संघ के अखिल भारतीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा, "मुझे लगता है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वकीलों के विनिमय से विधि व्यवस्था में सुधार आएगा। अगर कोई सोचता है कि विदेशी वकील भारत में आकर उनकी नौकरियां छीन लेंगे और उनकी जगह ले लेंगे तो यह सही नहीं है। भारतीय वकील दुनिया के किसी भी अन्य हिस्से की अपेक्षा कमतर नहीं हैं।"
उन्होंने कहा, "लेकिन विनिमय पर जोर दिया जाना चाहिए।" जस्टिस खेहर ने कहा कि भारतीय कानून व्यवस्था ने 70 साल जैसी छोटी सी अवधि में शानदार विकास किया है और प्रशासनिक आधार पर संभवत: दुनिया का सबसे बड़ा और सर्वाधिक प्रभावी कानून व्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
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उन्होंने कहा, "वैश्वीकरण के आगमन के साथ पिछले दो दशकों के दौरान भारतीय विधि व्यवस्था में काफी बदलाव आया है। आर्थिक उदारीकरण ने विदेशी विधि कंपनियों से सतत लेन-देन और अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों के लिए काम करना संभव बनाया। परिणामस्वरूप भारतीय विधि कंपनियों को ज्ञान, प्रणाली और कार्यकुशलता के स्थानांतरण का फायदा मिला और वे अंतर्राष्ट्रीय विधि कारोबार की महती भूमिका अदा करने में सक्षम हो सकीं।"
--आईएएनएस