CM योगी ने जारी किया 'श्वेत पत्र', पिछली सरकारों की खोली पोल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में अपनी सरकार के छह महीने पूरे होने के एक दिन पहले पिछली सरकारों का श्वेत पत्र जारी किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के काम-काज का लेखा-जोखा पेश करते हुए पिछली सरकारों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में अपनी सरकार के छह महीने पूरे होने के एक दिन पहले पिछली सरकारों का श्वेत पत्र जारी किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के काम-काज का लेखा-जोखा पेश करते हुए पिछली सरकारों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ नर्म रुख अपनाया जिसके चलते विकास की योजनाओं में भ्रष्टाचार हुआ। जनता को सरकार का काम जानने का हक है।
क्या बोले सीएम योगी ?
- मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने अलोकतांत्रिक काम किए, विकास के कार्यों को रोका गया।
- उन्होंने कहा कि हम छह महीने के एक दिन पहले अपने कार्यकाल के दौरान उपलब्धियों का श्वेत पत्र लेकर सामने आए हैं। चुनाव के पहले जो वायदे किए जाते हैं, उसपर कितना काम हुआ, उसके प्रति हमारी क्या जवाबदेही है, यह श्वेत पत्र उसका उदाहरण है।
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योगी ने सपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार के बहुत सारे कारनामे हैं। श्वेत पत्र से उनका कच्चा चिट्ठा खुल जाएगा। श्वेतपत्र प्रदेश में गैर-जिम्मेदार भ्रष्ट और जन-विरोधी सरकारों के प्रमाण को पुष्ट करता है। साथ ही प्रदेश की वित्तीय स्थिति को भी बताता है।
क्या है श्वेत पत्र में ?
- श्वेतपत्र में पिछली सरकारों के करतूतों की लम्बी लिस्ट थी। राज्य के पीएसयू की संचित हानियां 2011-12 में 29,380.10 करोड़ रुपये की थीं, जो 2015-16 में बढ़कर 91,401.19 करोड़ रुपये हो गई।
- उत्तर प्रदेश के नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर लगातार सीमित होते जा रहे थे।
- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग तथा भर्ती करने वाली अन्य संस्थाओं में अराजकता फैली थी। प्रतियोगी परीक्षाओं में भेदभाव बरता गया।
- विद्युत आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधा देने में भेदभाव। और तो और पूर्ववर्ती सरकारों ने बुन्देलखण्ड एवं पूर्वांचल के विकास पर भी ध्यान नहीं दिया।