माउंटबैटन की बेटी ने कहा- नेहरू-एडविना था प्यार, जिस्मानी संबंध नहीं

Update:2017-07-30 19:12 IST

नई दिल्ली: देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू और अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबैटन की पत्नी एडविना माउंटबैटन के बीच के प्रेम संबंध को लेकर सालों साल कई तरह के दावे होते रहे हैं, कांग्रेस जहाँ ऐसे किसी भी सवाल से पल्ला झाड़ती रही वहीँ विरोधी इन्हें लेकर चटकारे लगाते रहे हैं लेकिन अब एडविना की बेटी पामेला ने बड़ी साफगोई के साथ दोनों के संबंधों के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि दोनों भले ही एक-दूसरे से प्रेम करते थे, लेकिन उनका संबंध कभी जिस्मानी नहीं रहा क्योंकि सार्वजनिक जीवन उन्हें ऐसा करने नहीं दे सकता था।

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आपको बता दें माउंटबैटन जब वायसराय नियुक्त होकर देश में आए थे, उस समय पामेला की उम्र लगभग 17 साल थी। पामेला ने मां एडविना और नेहरू के बीच पनपते और प्रगाढ़ होते संबंधों को काफी करीब से देखा। पामेला ने कहा, 'उन्हें पंडितजी में वह साथी, आत्मिक समानता और बुद्धिमतता मिली, जिसे वह हमेशा से चाहती थीं। मां को लिखे नेहरू के पत्र पढ़ने के बाद उन्हें पता चला कि 'वह और मेरी मां किस कदर एक-दूसरे से प्रेम करते थे और सम्मान करते थे। '

'डॉटर ऑफ एम्पायर : माय लाइफ एज ए माउंटबेटन ' पुस्तक में पामेला ने लिखा कि वह यह जानने को उत्सुक थीं कि उनकी मां और नेहरू के बीच जिस्मानी संबंध थे या नहीं, लेकिन जब उन्होंने मां की नेहरू के नाम चिट्ठी पढ़ी तो उन्हें यह विश्वास हो गया कि ऐसा कुछ कभी नहीं हुआ था।

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किताब में लिखा है की मेरी मां या पंडितजी के पास यौन संबंधों के लिए समय नहीं था। उनके आसपास हमेशा कर्मचारी, पुलिस और अन्य लोग मौजूद होते थे।

'डॉटर ऑफ एम्पायर : माय लाइफ एज ए माउंटबेटन' 2012 में ब्रिटेन में प्रकाशित हुई, प्रकाशन कंपनी हशेत ने पेपरबैक वर्जन देश के बाजार में उतारा है।

ये तो रही इस किताब की बात लेकिन जिस बेबाकी से इसमें दोनों के प्रेम प्रसंग के बारे में लिखा गया है उससे देश की राजनीति में भूचाल आने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।

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