मारा गया मथुरा का कंस, SP-SO समेत निगल गया 27 जिंदगियां

Update: 2016-06-04 14:15 GMT

मथुरा: चर्चित जवाहरबाग कांड का मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव अपने दाहिने हाथ चंदन बोस और अन्य साथियों के साथ मारा गया है। पोस्टमार्टम हाउस में रखे 22 लावारिस शवों में इन दोनों के शव होने का दावा डीजीपी जावीद अहमद ने ट्वीट कर किया। पुलिस ने रामवृक्ष के साथियों को जेल से लाकर इनकी शिनाख्त कराई।

इस बीच, सीएम अखिलेश यादव ने शहीद एसपी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष यादव के परिजनों के लिए मुआवजे की राशि 20 लाख से बढ़ाकर 50 लाख कर दी है। साथ ही दोनों की पत्नियों को असाधारण पेंशन देने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी एलान किया है।

कुछ और शवों की भी हुई शिनाख्त

डीजीपी ने बताया कि और 3-4 शवों की शिनाख्त हुई है, जिसमें एक कुशीनगर का रहने वाला है। जबकि एक बिहार के बेतिया का निवासी है। इनके घरवालों को भी पुलिस ने सूचित कर दिया है।

डीजीपी ने ट्वीट कर दी जानकारी

डीजीपी ने कहा कि कई शवों की पहचान की गई है। इसमें रामवृक्ष यादव के साथियों ने उसके शव की पहचान की है। गाजीपुर में उसके परिवार के लोगों को सूचना दे दी गई है।

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आईजी ने क्या कहा?

-आईजी हरिराम शर्मा ने बताया, कि ऑपरेशन के पहले दिन ही पुलिस द्वारा बरामद शवों में एक रामवृक्ष यादव का है।

-उसकी शिनाख्त उसके साथ के लोगों ने की।

-फिलहाल पुलिस रामवृक्ष के शव का फॉरेंसिक और डीएनए टेस्ट करवा रही है जिससे शिनाख्त की वैज्ञानिक पुष्टि पाएगी।

हिंसा के दौरान एसपी और एसओ हुए थे शहीद

-मथुरा के जवाहरबाग गुरुवार को सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने गई पुलिस टीम पर उपद्रवियों ने फायरिंग कर दी थी।

-इस फायरिंग में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष कुमार यादव समेत 24 लोगों को मौत हो गई थी। साथ ही कई पुलिसकर्मी घायल भी हो गए थे।

-हिंसा के बाद घटनास्थल से 315 बोर के 45 हथियार और दो 12 बोर के हथियार बरामद किए गए।

-कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 47 पिस्टल और पांच राइफल भी बरामद की थी।

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मौत पर था सस्पेंस बरकरार

जवाहर बाग में हुई हिंसा का मुख्‍य आरोपी रामवृक्ष यादव को लेकर सस्पेंस बरकरार था। घटना के बाद वह कहां गायब हो गया था किसी को इसकी खबर नहीं थी। आशंका जाहिर की जा रही थी कि फायरिंग या आग में जलकर उसकी भी मौत हो चुकी है।

-पुलिस को इस बात की भी आशंका थी कि रामवृक्ष के मारे जाने या फिर जख्मी होने के बाद उसके साथी उसे किसी सुरक्षित जगह पर लेकर गए हैं।

-इसी आशंका के चलते पुलिस अलग अलग हॉस्पिटलों में भी सर्च ऑपरेशन चला रही थी।

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कौन है रामवृक्ष यादव

-रामवृक्ष गाजीपुर के मरदह ब्लॉक के रायपुर 'बाघपुर' गांव का रहने वाला था।

-इमरजेंसी के दौरान 1975 में जेल में बंद भी रहा था।

-रामवृक्ष यादव को लोकतंत्र रक्षक सेनानी (मीसा) के बंदी होने के चलते सपा सरकार की ओर से 15000 रुपए महीना पेंशन दिया जाता था।

-वह दो वर्ष पहले अपने परिवार को गाजीपुर से मथुरा लेकर चला गया था।

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-हाई स्कूल और इंटर पीएन इंटर काॅलेज मरदह गाजीपुर, ग्रेजुएशन डीसीएसकेपीजी कॉलेज मऊ से।

-रामवृ्क्ष यादव 1984 में निर्दलीय लोकसभा का चुनाव लड़ा और हार गया उसे 3234 वोट मिले थे।

-दूरदर्शी पार्टी से गाजीपुर के जहूराबाद से विधानसभा का चुनाव लड़ा और हार गया था।

-बाद में ख़ुद का राजनैतिक संगठन बना लिया जिसका नाम “स्वाधीन भारत” रखा था।

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