SC के पूर्व जज जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा, संभव हैं मंदिर निर्माण के लिए कानून लाना
न्ई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर कानून बनाने के विषय पर बहस तेज हो गयी है।सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने शुक्रवार को कांग्रेस से जुड़े एक संगठन के कार्यक्रम में मुंबई में कहा कि उच्चतम न्यायालय में मामला लंबित होने के बावजूद सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बना सकती है। उन्होंने कहा कि विधायी प्रक्रिया द्वारा अदालती फैसलों में अवरोध पैदा करने के उदाहरण पहले भी रहे हैं।
उन्होंने कावेरी जल विवाद पर उच्चतम न्यायालय का आदेश पलटने के लिए कर्नाटक विधानसभा द्वारा एक कानून पारित करने का उदाहरण भी दिया।इसके साथ ही उन्होंने राजस्थान, पंजाब एवं हरियाणा के बीच अंतर-राज्यीय जल विवाद से जुड़ी ऐसी ही एक घटना का भी जिक्र किया।
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न्यायालय हिंदू भावनाओं को समझ कर निर्णय देगा
जस्टिस चेलमेश्वर की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब बीते शुक्रवार को संघ परिवार भी अयोध्या में राम मंदिर को लेकर अपनी मांग तंज कर दी है। संघ के नेता भैयाजी जोशी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अब और देर नहीं करना चाहिए। भैयाजी जोशी ने कहा था कि राम सभी के हृदय में रहते हैं पर वो प्रकट होते हैं मंदिरों के द्वारा, हम चाहते हैं कि मंदिर बने, काम में कुछ बाधाएं अवश्य हैं और हम अपेक्षा कर रहे हैं कि न्यायालय हिंदू भावनाओं को समझ कर निर्णय देगा।
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रिटायर्ड जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा, "यह एक पहलू है कि कानूनी तौर पर यह हो सकता है (या नहीं)। दूसरा यह है कि यह होगा (या नहीं)। मुझे कुछ ऐसे मामले पता हैं जो पहले हो चुके हैं, जिनमें विधायी प्रक्रिया ने उच्चतम न्यायालय के निर्णयों में अवरोध पैदा किया था।"
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इस साल की शुरुआत में जस्टिस चेलमेश्वर उच्चतम न्यायालय के उन चार वरिष्ठ न्यायाधीशों में शामिल थे जिन्होंनेप्रेस कांफ्रेंस कर तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के कामकाज के तौर-तरीके पर सवाल उठाए थे।
गौरतलब हो कि जस्टिस चेलमेश्वर कांग्रेस पार्टी से जुड़े संगठन ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस (एआईपीसी) की ओर से आयोजित एक परिचर्चा सत्र में शिरकत कर रहे थे।