इंदौरः मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस के घोषणा पत्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की बात से सभी को झटका लगा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि कांग्रेस के ऊपर से आरएसएस का भूत हट नहीं रहा है। घोषणा पत्र में कांग्रेस ने तो खुले तौर पर आरएसएस के खिलाफ बड़ा कदम उठाने तक की बात कह दी है। साथ ही यह भी कहा है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो सरकारी परिसरों में आरएसएस की शाखा लगाए जाने पर प्रतिबंध लगाएगी। हालांकि इसका लाभ कांग्रेस को कितना मिलेगा यह तो बताएगा लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम भी आज इसी मुद्दे पर आक्रामक अंदाज में दिखे।
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घोषणा पत्र में लिखा गया है कि शासकीय परिसरों में आरएसएस की शाखायें लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों को शाखाओं में छूट संबंधी आदेश निरस्त किया जाएगा। गौरतलब है कि संघ के हिंदुत्ववादी विचारधारा से कांग्रेस का शुरू से वैचारिक मतभेद रहा है। कांग्रेस संघ पर समाज को बांटने का आरोप लगाती रही है।
इस बीच पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के स्टार प्रचारक पी. चिदंबरम ने भी कहा है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई तो आरएसएस पर लगाम लगाई जाएगी और सरकारी कर्मचारियों को संघ की शाखाओं में जाने से रोका जाएगा, साथ ही शासकीय परिसरों में आरएसएस की शाखाएं लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
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प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में चिदम्बरम ने संघ को जमकर निशाने पर लिया। उन्होंने संघ को राजनीतिक बताते हुए कहा कि उसका एजेंडा भी राजनीतिक है। इसलिए सरकारी कर्मचारियों को संघ की शाखाओं में शामिल नहीं होना चाहिए क्योंकि सरकारी कर्मचारी किसी राजनैतिक दल के कार्यक्रम में नही जा सकते हैं।
उन्होने राज्य की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कृषि उपज, बेरोजगारी, कुपोषण जैसे मुद्दों पर एमपी सरकार पूरी तरह विफल रही है। चिदंबरम ने नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ा है। लाखों नौकरियां गईं और सैकड़ों जानें चलीं गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने छह साल तक जीएसटी को फंसा कर रखा है और सरकार बनने पर जीएसटी ले आए पर ये जीएसटी वो नहीं जिसे दुनिया जानती है, इस जीएसटी में सब कुछ गड़बड़ है।
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अपनी पिछली सरकार की उपलब्धियां बताते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में जीडीपी की दर 8.5 फीसद रही थी और मौजूदा सरकार एक बार भी इसके पास तक नही पहुंच सकी।
आठ नवंबर को भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा था कि आरएसएस से जुड़े लोगों से लेकर मंत्री व बीजेपी के नेता विभाजनकारी मुद्दों पर बातें कर रहे हैं और लिख रहे हैं।
आरएसएस के खिलाफ टिप्पणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भी महाराष्ट्र की एक अदालत में केस चल रहा है। उन्होंने दावा किया था कि आरएसएस से जुड़े नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी। जिसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज करवाया गया था।