'संस्कृति संसद' में बोलीं नायला- बलूचिस्तान आजाद हुआ, तो पहली मूर्ति नरेंद्र भाई की लगेगी
वाराणसी: काशी में शुरू हुआ 'संस्कृति संसद' रविवार को समाप्त हो गया। इस संसद में इंडो-बलूचिस्तान फोरम का गठन हुआ। भविष्य में बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार का गठन बनारस में कैसे हो इस पर चर्चा की गई।
नरेंद्र मोदी बलूचिस्तान के हीरो हैं
संस्कृति संसद के समापन पर बलोच आंदोलन की अगुआ नायला कादरी ने कहा, कि 'अगर भारत सरकार ने अनुमति दी तो बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार का गठन बनारस में ही किया जाएगा। भारत के पीएम नरेंद्र मोदी बलूचिस्तान के हीरो हैं। बलूचिस्तान आजाद हुआ तो वहां पहली मूर्ति नरेंद्र भाई की लगेगी। हमने जान देकर अब तक माता हिंगलाज महारानी के मंदिर को सहेजा है। आप हमें सहेज लें यही गुजारिश है।'
बलूचिस्तान की आजादी को नई दिशा
संस्कृतिक संसद के आयोजक भी बताते हैं कि 'इस संसद के द्वारा बलूचिस्तान की आजादी को नई दिशा मिली है। वहीं कई ऐसे मुद्दे हैं जो अभी तक सामने नहीं आते हैं आज इस माध्यम से उन पर भी चर्चा शुरू हो गई है, जो अच्छी बात है।'