नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,300 करोड़ रुपए के घोटाले के सिलसिले में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार (25 फरवरी) को वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए बेहतर व उच्च प्रौद्योगिकी नियंत्रण प्रणाली की मांग की है।
सीआईआई ने कहा, कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में सरकार को अपनी हिस्सेदारी कम करनी चाहिए। एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार को रणनीति के तहत चरणबद्ध तरीके से पीएसबी में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 33 फीसदी कर देनी चाहिए और वित्तीय धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए दोहरी रणनीति अपनानी चाहिए। उद्योग संगठन ने इसके लिए बैंकों की बेहतर निगरानी व पर्यवेक्षण और उत्तम कॉरपोरेट शासकीय मानदंड अपनाने का सुझाव दिया।
सीआईआई की अध्यक्ष शोभना कामिनेनी ने एक बयान में कहा, 'सरकार, विनियामकों और उद्योग को वित्तीय क्षेत्र में व्यवस्थागत खतरों पर शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'बेहतर प्रबंधन व संचालन क्षमता, ब्लॉक चेन व व्यापक डेटा विश्लेषण जैसी प्रौद्योगिकी का उपयोग और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी कम करना, बैंकिंग क्षेत्र के लिए ये तीन प्रमुख समाधान हैं।'
हीरा कारोबारी नीरव मोदी मामले में दायर आरोपों के अनुसार, पीएनबी की शिकायत के बाद बैंक में धोखाधड़ी उजागर होने के पहले बैंक के लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग और फोरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट का इस्तेमाल कई साल तक पैसे निकालने के लिए किया गया।
आईएएनएस