Exclusive: पॉलीटेक्निक स्टूडेंट्स को अब इंटरमीडिएट करने की जरूरत नहीं

Update:2016-05-27 18:11 IST

Yogesh Mishra

लखनऊ : यूपी में पॉलीटेक्निक स्टूडेंट्स को अखिलेश सरकार एक नया तोहफा देने की तैयारी में है। अब पॉलीटेक्निक की पढ़ाई पूरी करने वाले स्टूडेंट्स को इंटरमीडिएट के समकक्ष मान्यता मिल जाएगी।

ये होगा फायदा

-पॉलीटेक्निक किए हुए स्टूडेंट्स किसी भी पाठ्यक्रम में यूपी में ग्रेजुएशन के किसी भी कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे।

-उनके लिए अब पॉलीटेक्निक करने के बाद बीए, बी.कॉम, बी.एससी और राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज के दरवाजे खुल जाएंगे।

-इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्रवेश की मांगी जाने वाली इंटरमीडिएट की योग्यता अब पॉलीटेक्निक की पढ़ाई करने वालों की भी मानी जाएगी।

यही नहीं इस फैसले के बाद सरकारी और निजी क्षेत्र में पॉलीटेक्निक की तादाद बढ़ने की उम्मीद की जा रही है जिससे स्टूडेंट्स को रोजगारपरक पाठ्यक्रम और नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

क्यों महत्वपूर्ण है फैसला

-गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पहले ही आईटीआई को हाईस्कूल के समतुल्य मान्यता दे रखी है।

-पॉलीटेक्निक को इंटरमीडिएट की मान्यता मिलने के बाद करीब 55 हजार स्टूडेंट्स को सरकार के इस फैसले से फायदा पहुंचेगा।

-राज्य में 104 सरकारी पॉलीटेक्निक हैं जो कि 140 क्षेत्र में संचालित होते है।

-अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थानों की संख्या 19 है।

-इन पॉलीटेक्निक संस्थानों में स्ववित्त पोषित सीटों की संख्या 4,120 है।

-जबकि अनुदानित निजी क्षेत्र और सरकारी पॉलीटेक्निक संस्थानों की क्षमता 54,690 है।

-इन पॉलीटेक्निक संस्थानों में 56 तरह के पाठ्यक्रम होते हैं।

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