पाक-बांग्लादेश के बाद नेपाल जाएगी इंडियन रेलवे, दोनों को जोड़ेगा यूपी

Update:2016-02-26 01:26 IST

गोरखपुर: पाकिस्तान और बंग्लादेश के बाद अब इंडियन रेल ने पड़ोसी देश नेपाल की ओर भी कदम बढ़ा दिए हैं। कई सालों से उठ रही मांग को आखिरकार रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने अमलीजामा पहनाने के लिए कदम उठा लिए हैं। रेलमंत्री ने फाइनेंसियल ईयर 2016-17 के रेल बजट में पूर्वांचल के जिले सिद्धार्थनगर के बढ़नी और काठमांडू के बीच रेलवे लाइन सर्वे का प्रावधान किया है।

-अभी पकिस्तान के लिए समझौता एक्सप्रेस और बंगलादेश के लिए मैत्री एक्सप्रेस चलती है। इस रेलवे रूट के बन जाने के बाद भारत नेपाल में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम कर सकेगा।

बढ़नी-काठमांडू 359 किमी लंबी रेलवे लाइन के लिए सर्वे होगा

-बजट में बढ़नी-काठमांडू 359 किमी लंबी रेलवे लाइन के सर्वे के लिए 54 लाख रुपए दिए गए हैं।

-इस सर्वे का काम नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे देखेगा।

क्या होगा फायदा?

-यदि सर्वे सफल रहता है और दोनों देशों के बीच सहमति बन जाती है तो दोनों देशों को इसका बड़ा आर्थिक फायदा होगा।

-दोनों देशों की टूरिज्म इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा।

-स्ट्रैटिजिक रूप से भी इसका बहुत महत्व है। चीन भी नेपाल तक रेलवे लाइन बिछाने की शुरुआत कर चुका है।

पहले ही किया था इशारा

-बढ़नी से नेपाल तक ट्रेन चलाने की घोषणा रेलमंत्री ने पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को गोंडा से ग्वालियर के लिए चलने वाली सुशासन एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाते वक्त की थी। इसके लिए डुमरियागंज से बीजेपी सांसद जगदम्बिका पाल भी मांग उठाते रहे है।

NER यहां करेगा नई रेलवे लाइनों का सर्वे

-एटा-कासगंज के बीच 29 किमी लंबी रेलवे लाइन

-कपिलवस्तु-बस्ती वाया बांसी 91 किमी लंबी रेलवे लाइन

-आनंदनगर-घुघली वाया महाराजगंज 50 किमी लंबी रेलवे लाइन

-बस्ती-फैजाबाद के बीच 67 किमी लंबी रेलवे लाइन

-हरदोई-बिलग्राम-कन्नौज के बीच 45 किमी लंबी रेलवे लाइन

-मलीहाबाद-इटौजा के बीच 170 किमी लंबी रेलवे लाइन

NER को मिला 16 परसेंट अधिक बजट

-एनईआर के जीएम राजीव कुमार मिश्रा ने बताया कि पिछले बजट में जोन को 1140 करोड़ रुपए मिले थे।

-उसकी तुलना में इस बार 1333 करोड़ बजट मिला है, जो 16 परसेंट अधिक है।

-सतही तौर पर देखने में भले ही ना लगे कि उत्तर प्रदेश पर रेलमंत्री प्रभु की कृपा हुई ही नहीं।

-लेकिन इस रेल बजट में 125 रेलवे ओवरब्रिज मिले हैं। साथ ही नए रेलवे ट्रैक बिछाने, गेज कन्वर्जन, मेट्रो ट्रांसपोर्ट प्लानिंग और रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए 4923 करोड़ रुपए मिले हैं।

-इस बजट में यूपीए सरकार की तुलना में कुल 207 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल इसी मद के लिए 3405 करोड़ रुपए मिले थे।

लखनऊ डिवीज़न में होंगे ये नए काम

-लखनऊ में रूट रिले इंटरलॉकिंग के निर्माण के लिए रुपए 40 करोड़।

-वाराणसी रेलवे स्टेशन पर एक मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने के लिए रुपए 8 करोड़।

-लखनऊ में ब्रिज वर्कशॉप के मॉडर्नाइजेशन के लिए रुपए 40 करोड़।

-लखनऊ की रेलवे कॉलोनियों में ड्रेनेज, सड़कों, वाटर सप्लाई, पार्क, छतों में लेकागे रोकने के लिए रुपए 6.37 करोड़।

-लखनऊ स्टेशन पर प्लेटफार्म 3,4,5,8 और 9 पर वाशेबल एप्रन बनाने के लिए रुपए 6.5 करोड़।

-जौनपुर में नया रनिंग रूम बनाने के लिए रुपए 3.44 करोड़।

-रायबरेली में यार्ड रिमॉडलिंग के लिए रुपए 22 करोड़।

-प्रतापगढ़ में यार्ड रिमॉडलिंग के लिए 32 करोड़ रुपए।

-ऊंचाहार-अमेठी के बीच नई रेलवे लाइन बिछाने के लिए 60 करोड़ रुपए।

-फैजाबाद-लालगंज के बीच नई रेलवे लाइन बिछाने के लिए 10 करोड़ रुपए।

-उतरेटिया और जाफराबाद सेक्शन के बीच रेलवे लाइन की डबलिंग के लिए 170 करोड़ रुपए।

-फाफामऊ-इलाहाबाद के बीच रेलवे लाइन की डबलिंग के लिए 50 करोड़ रुपए।

-लोहता-भदोही के बीच रेलवे लाइन की डबलिंग के लिए 25 करोड़ रुपए।

-भदोही-जौनपुर के बीच रेलवे लाइन की डबलिंग के लिए 35 करोड़ रुपए।

-उतरेटिया-रायबरेली के बीच रेलवे लाइन की डबलिंग के लिए 60 करोड़ रुपए।

-रायबरेली-अमेठी के बीच रेलवे लाइन की डबलिंग के लिए 45 करोड़ रुपए।

-आलमनगर- उतरेटिया के बीच रेलवे लाइन की डबलिंग के लिए 32 करोड़ रुपए।

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