लखनऊ : राम नाथ कोविंद राजग के राष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे, ये पहला मौका होगा जब कोई अनुसूचित राष्ट्रपति बनेगा यूपी से।
एक नजर उनके सफर पर
देश के कानपुर देहात जिला के तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था। कोविंद का संबंध कोरी या कोली जाति से है, जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है। वकालत की उपाधि लेने के पश्चात दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत प्रारम्भ की। वह 1977 से 1989 तक हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे। 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्ति हुई।
राजनीति
वर्ष 1991 में भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गये। वर्ष 19 94 में उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। वर्ष 2000 में पुनः उत्तर प्रदेश से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। कोविंद लगातार 12 वर्ष तक राज्य सभा के सदस्य रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे। वह भाजपा दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज अध्यक्ष भी रहे।
वर्ष 2019 में आम चुनाव होने हैं, ऐसे में पीएम नरेंद्र ने देश के सबसे बड़े सूबे को थामने के लिए। कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है, इसका फायदा ये होगा कि भले ही चुनाव में राष्ट्रपति के नाम का प्रयोग बीजेपी न करे। लेकिन उनके नाम पर अनुसूचित जातियों को एक साथ खड़ा करने में अपनी ताकत लगा देगी।
ये देखिए यूपी में जातीय समीकरण
सामान्य वर्ग-20.94 प्रतिशत
अन्य पिछड़ा वर्ग-54.05 प्रतिशत
अनुसूचित जाति-24.95 प्रतिशत
अनुसूचित जनजाति-0.06 प्रतिशत
वहीँ इसके साथ ही पूरी आबादी की बात करें तो अल्पसंख्यक-14.6, यादव 10.46, मध्यवर्ती पिछड़ा 10.22 और अत्यंत पिछड़ा -33.34 प्रतिशत।
अन्य पिछड़े वर्ग की जनसँख्या
निषाद/मछुआरा-12.91
मौर्य/कुशवाहा/शाक्य/काछी-8.56
कुर्मी/पटेल-7.46
लोध-किसान-6.06
पाल/बघेल-4.43
तेली/साहू-4.03
कुम्हार/प्रजापति-3.42
राजभर-2.44
नोनिया/चौहान-2.33
विश्वकर्मा/बढ़ई-2.44
लोहार-1.81
जाट-3.7
गूजर-1.71
नाई/सविता-1.01
भुर्जी/कांदू-1.43