लखनऊ: विधानसभा का सत्र गुरुवार (15 फरवरी) को तब और हंगामेदार हो गया जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर हमला बोलते हुए कहा, 'लोकतंत्र को बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा, बाबा साहब का नाम लेकर मिशन को बेच दिया गया।' दरअसल स्वामी प्रसाद का निशाना बसपा सुप्रीमो मायावती पर था। गौरतलब है, कि इससे पहले भी स्वामी प्रसाद मायावती पर इस तरह के आरोप लगा चुके हैं।
स्वामी प्रसाद के इस बयान पर बसपा की तरफ से लालजी वर्मा ने मोर्चा संभाला। इस दौरान स्वामी प्रसाद और लालजी वर्मा के बीच जमकर वाद-प्रतिवाद हुआ। बसपा नेता ने स्वामी प्रसाद से कहा, 'जिस नेता की वजह से सदन में हैं, उसके बारे में ऐसी बात करते शर्म नहीं आती।' बता दें, कि स्वामी प्रसाद बीजेपी में आने से पहले बसपा में थे। साल 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव के समय वो बीजेपी में शामिल हुए थे।
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सपा आई बसपा के समर्थन में
इसके बाद स्वामी प्रसाद एक बार फिर हमलावर हुए और कहा, 'लालजी वर्मा की नेता लोकतंत्र की हत्यारी हैं।' इस पर विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा विधायक रामगोविंद चौधरी ने मायावती का बचाव किया। कहा, 'जो नेता सदन में नहीं है उस राष्ट्रीय नेता का नाम यहां नहीं लिया जाना चाहिए।' इसके बाद सदन में हंगामा और तेज हो गया।