Motivational Story: शिष्य होने का अर्थ क्या है, पढ़ें ये मोटिवेशनल कहानी

Best Motivational Story in Hindi: एक दिन एक शिष्य ने महंत से सवाल किया, स्वामीजी आपके गुरु कौन है?

Update: 2023-06-28 12:51 GMT
prerak prasang (social media)

Best Motivational Story in Hindi: आपने किस गुरु से शिक्षा प्राप्त की है? महंत शिष्य का सवाल सुन कर मुस्कुराए और बोले, ”मेरे हजारों गुरु हैं ! यदि मै उनके नाम गिनवाने बैठ जाऊ तो शायद महीनों लग जाए, लेकिन फिर भी मै अपने तीन गुरुओं के बारे मे तुम्हे जरुर बताऊंगा।

पहला गुरु-चोर।

एक था चोर, एक बार मैं रास्ता भटक गया था और जब दूर किसी गाव में पंहुचा तो बहुत देर हो गयी थी। सब दुकाने और घर बंद हो चुके थे।लेकिन अंततः मुझे एक व्यक्ति मिला जो एक दीवार में सेंध लगाने की कोशिश कर रहा था। मैने उससे पूछा कि मैं कहाँ ठहर सकता हूं, तो वह बोला की आधी रात गए इस समय आपको कहीं भी आसरा मिलना बहुत मुश्किल होगा। लेकिन आप चाहे तो मेरे साथ ठहर सकते हैं, मै एक चोर हूँ और अगर एक चोर के साथ रहने में आपको कोई परेशानी नहीं होंगी तो आप मेरे साथ रह सकते हैं।

वह इतना प्यारा आदमी था कि मै उसके साथ एक महीने तक रह गया ! वह हर रात मुझे कहता कि मैं अपने काम पर जाता हूं, आप आराम करो, प्रार्थना करो, जब वह काम से आता तो मै उससे पूछता की कुछ मिला तुम्हे? तो वह कहता की आज तो कुछ नहीं मिला पर अगर भगवान ने चाहा तो जल्द ही जरुर कुछ मिलेगा। वह कभी निराश और उदास नहीं होता था, हमेशा मस्त रहता था।

जब मुझे ध्यान करते हुए सालों-साल बीत गए थे और कुछ भी हो नहीं रहा था तो कई बार ऐसे क्षण आते थे कि मैं बिलकुल हताश और निराश होकर साधना-वाधना छोड़ लेने की ठान लेता था और तब अचानक मुझे उस चोर की याद आती जो प्रतिदिन कहता था कि भगवान ने चाहा तो जल्द ही कुछ जरुर मिलेगा।

दूसरा गुरु-कुत्ता।

और मेरा दूसरा गुरु एक कुत्ता था। मैं एक बहुत गर्मी वाले दिन मै बहुत प्यासा था और पानी के खोज में घूम रहा था कि एक कुत्ता दौड़ता हुआ आया, वह भी प्यासा था, पास ही एक नदी थी, उस कुत्ते ने आगे जाकर नदी में झांका तो उसे एक और कुत्ता पानी में नजर आया जो की उसकी अपनी परछाई थी। कुत्ता उसे देख बहुत डर गया। वह परछाई को देखकर भौकता और पीछे हट जाता। लेकिन बहुत प्यास लगने के कारण वह वापस पानी के पास लौट आता। अंततः, अपने डर के बावजूद वह नदी में कूद पड़ा और उसके कूदते ही वह परछाई भी गायब हो गई, उस कुत्ते के इस साहस को देख मुझे एक बहुत बड़ी सीख मिल गई, अपने डर के बावजूद व्यक्ति को छलांग लगा लेनी होती है, सफलता उसे ही मिलती है जो व्यक्ति डर का साहस से मुकाबला करता है।

तीसरा गुरु -छोटा बच्चा।

और मेरा तीसरा गुरु एक छोटा बच्चा है। मै एक गांव से गुजर रहा था कि मैंने देखा एक छोटा बच्चा एक जलता हुआ दीपक ले के जा रहा था, वह पास के किसी मंदिर की मुंडेर पर रखने जा रहा था। उपहास में ही मैंने उससे पूछा की क्या यह ये दीपक तुमने जलाया है? वह बोला, जी मैंने ही जलाया है। तो मैंने उससे कहा की एक क्षण था जब यह दीपक बुझा हुआ था और फिर एक क्षण आया जब यह दीपक जल गया। क्या तुम मुझे वह अग्नि/ज्योतिस्त्रोत दिखा सकते हो जहाँ से वह ज्योति आई।

वह बच्चा हँसा और दीपक को हाथ हिलाकर हवा से बुझाते हुए बोला, अब आपने ज्योति को जाते हुए देखा है। कहाँ गई वह? आप ही मुझे बताइए।

मेरा अहंकार चकनाचूर हो गया, मेरा ज्ञान जाता रहा। और उस क्षण मुझे अपनी ही मूढ़ता/मूर्खता का एहसास हुआ। तब से मैंने कोरे ज्ञान से हाथ धो लिए।

शिष्य होने का अर्थ क्या है? शिष्य होने का अर्थ है पूरे अस्तित्व के प्रति खुले होना। हर समय हर ओर से सीखने को तैयार रहना।जीवन का हर क्षण, हमें कुछ न कुछ सीखने का मौका देता है। हमें जीवन में हमेशा एक शिष्य बनकर अच्छी बातो को सीखते रहना चाहिए। यह जीवन हमें आये दिन किसी न किसी रूप में किसी गुरु से मिलाता रहता है, यह हम पर निर्भर करता है कि क्या हम उस महंत की तरह एक शिष्य बनकर उस गुरु से मिलने वाली शिक्षा को ग्रहण कर पा रहे हैं की नहीं।

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