Chanakya Niti: जानिए किन लोगों के काम में कभी हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, सुखी रहने का बताया रास्ता
Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार अगर आप सुखी रहना चाहते हैं तो उसके लिए कई सारे रास्ते बताये गए हैं। आइये जानते हैं क्या है सुखी रहने का गुरु मन्त्र
Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार अगर आप सुखी रहना चाहते हैं तो उसके लिए कई सारे रास्ते बताये गए हैं। चाणक्य कहते हैं कि सुख पाने का रास्ता ये नहीं है कि आपके जीवन में किसी तरह की कोई समस्या ही न आये। बल्कि सुखी रहने का रहस्य ये है कि आपको अपनी समस्याओं को हल करने की कला आनी चाहिए।
सुखी रहने का गुरु मन्त्र
आप किसी समस्या से कैसे लड़ रहे हैं इसकी भी कला आपको आनी चाहिए। इससे दुःख के लिए आपके जीवन में कोई जगह नहीं बचेगी। वहीँ आचार्य चाणक्य ने बताया है कि अगर किसी व्यक्ति को सुखी रहना है तो उसे इन लोगों के काम में दखल नहीं देना चाहिए। तो आइये जानते हैं कौन हैं ये लोग।
ज्ञानियों के बीच
आचार्य चाणक्य ने बताया कि जब भी कभी दो ज्ञानी आपस में बात कर रहे होते हैं तब किसी भी अन्य व्यक्ति को उनके बीच से होकर नहीं निकलना चाहिए। या फिर उनकी बातों को सुने बिना अपना पक्ष भी नहीं रखना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो उनके काम में बाधा उत्पन्न होती है। साथ ही इसे मूर्खता ही कही जाती है क्योंकि समझदार व्यक्ति कभी ऐसा कोई काम नहीं करता है। ऐसा भी माना जाता है कि अगर कोई समझदार व्यक्ति ऐसा करेगा तो इससे उसकी छवि को नुकसान पहुँचता है।
हवन और पुजारी के बाच
चाणक्य कहते हैं कि जब कोई पुरोहित या पुजारी अग्नि कुंड के पास बैठा होता है तब या फिर वो पूजा कर रहा होता है तब उसके बीच से किसी भी व्यक्ति को नहीं निकलना चाहिए। ऐसा करने से उनके पूजा पाठ अनुष्ठान में बाधा उत्पन्न हो सकती है। साथ ही वो पूजा भी मान्या नहीं मानी जाती है। इससे वो व्यक्ति पाप का भागीदार बन जाता है।
पति पत्नी के बीच
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पति और पत्नी के बीच कभी कुछ नहीं बोलना चाहिए। दरअसल पति और पत्नी जीवन रुपी गाड़ी के वो दो पहिये हैं जो कभी भी कोई काम साथ मिलकर कर रहे होते हैं तो उनके किसी काम में दखल नहीं देना चाहिए। साथ ही उनकी अगर बातचीत हो रही हो तो भी किसी अन्य व्यक्ति को दखल नहीं देना चाहिए। इससे उनका एकांत भंग हो जाता है।