हाय रे प्रदूषण: जीना कर दिया मोहाल,ऐसे रखें अपना और बच्चों का ख्याल
वायु प्रदूषण के चलते शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम के कमजोर होने से प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता भी कमजोर हो जाती है। प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता कमजोर होने से हमारा शरीर बाहरी बैक्टीरिया से लड़ने में असमर्थ हो जाता है।
Delhi-NCR में वायु की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। दिल्ली का एयर इंडेक्स खतरनाक श्रेणी में जा चुका है। इस बीच Delhi-NCR में हर जगह धुंध की चादर बिछी हुई है और हालात बहुत गंभीर होते जा रहे हैं। हवा का स्तर इतनी खराब श्रेणी में जा चुका है कि यहां पर सांस लेने में भी मुश्किल हो रही है। दिल्ली में रह रहे लोगों को सांस लेने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की Delhi-NCR में SC (सुप्रीम कोर्ट) के एक पैनल ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्तर को सीवीयर प्लस कैटेगरी में रखा गया है। इस वायु प्रदुषण के चलते लोगों के बीच संक्रामक बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं। वायु प्रदूषण इंसान के शरीर को कई तरीकों से नुकसान पहुंचा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदूषण की वजह से इंडिया में हर साल 2.5 million लोग मरते हैं। प्रदूषण की वजह से शुरुआत में तो केवल खांसी आती है, लेकिन आगे चलकर ये एक गंभीर समस्या बन सकती है। आइए आपको बताते हैं कि प्रदूषण में लोगों को किन बीमारियों से खतरा है।
अस्थमा-
वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा अस्थमा का होता है, क्योंकि प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है। इसके अलावा जो लोग पहले से ही अस्थमा की बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए इस प्रदूषित हवा में सांस लेना और खातक हो सकता है। वायु प्रदूषण के चलते सांस की नली में सूजन हो जाती है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
निमोनिया
प्रदूषित हवा में कई तरह के हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं, जो सांस के जरिए हमारे शरीर में चले जाते हैं और नुकसान पहुंचा देते हैं। ये बैक्टीरिया निमोनिया जैसी बीमारियों को उत्पन्न करते हैं। लगातार जहरीली हवा में रहने से ये बीमारी एक गंभीर रुप भी ले सकती है।
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फेफड़ों में कैंसर
प्रदूषित हवा से न केवल अस्थमा, निमोनिया जैसी बीमारियां होती हैं, बल्कि जहरीली हवा से फेफड़ों में कैंसर भी हो सकता है। जी हां, प्रदूषित हवा में मौजूद जहरीली गैसों की वजह से फेफड़ों में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी में फेफड़ों की कोशिकाएं जरुरत से ज्यादा बढ़ने लगती है, जिससे शरीर में ठीक तरह से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं पाती है।
बर्थ डिफेक्ट
प्रदूषित हवा जितना आम लोगों के लिए खतरनाक है, उतना ही गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी खतरनाक है। नवजात बच्चों में वायु प्रदुषण के कारण कई तरह की त्रुटियां होने का खतरा रहता है। ऐसे जगहों (जहां पर प्रदूषण हो) में पैदा हुए बच्चों की इम्युनिटी पावर बहुत कमजोर हो जाती है। इसके अलावा नवजात बच्चों में खांसी, जुखाम, एलर्जी और इंफेक्शन की संभावना अधिक होती है।
इम्यूनिटी सिस्टम का कमजोर होना
वायु प्रदूषण के चलते शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम के कमजोर होने से प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता भी कमजोर हो जाती है। प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता कमजोर होने से हमारा शरीर बाहरी बैक्टीरिया से लड़ने में असमर्थ हो जाता है। इसके अलावा शरीर कमजोर होने लगता है और कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं।
वायु प्रदूषण के चलते सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होता है। प्रदूषित हवा से बड़ों के इम्यूनिटी सिस्टम से पहले बच्चों के इम्यूनिटी सिस्टम जल्दी प्रभावित होते हैं और बच्चों को कई तरह के खतरे भी बने रहते हैं। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जिससे आप अपने बच्चे की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं।
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इन टिप्स से करें अपने बच्चों की सुरक्षा-
बच्चों को रखें घर के अंदर
आपके बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए जो सबसे आसान और प्रत्यक्ष समाधान है वो ये है कि आप अपने बच्चों को पॉल्यूशन से दूर रखें। आप अपने बच्चों को घर के अंदर रखें और जितना हो सके उनके बाहर जाने के गतिविधियों को सीमित रखें।
एयर मास्क
वायु प्रदूषण में सांस में बहुत ज्यादा कठिनाई होती है, ऐसे में एयर मास्क वायु प्रदूषण से बचने में आपकी काफी मदद कर सकता है। उन एयर मास्क को चुनिए जो आरामदायक फैब्रिक का बना हो, जैसे- कॉटन और जो चेहरे पर बिल्कुल फिट हो। एयर मास्क गंदगी, पॉल्यूशन, बैक्टीरिया और यहां तक की वायरस से भी बचने में मदद करेगा।
पर्दे का करें यूज
आप अपने घर में भारी पर्दों का यूज करें। ये बाहरी प्रदूषित हवा को आपके घर में आने से रोकेगा। ये सुनिश्चित करें कि आपकी दीवारों पर लगे पेंट में कोई हानिकारक तत्व न हो, जो विषैले धुएं देते हों। ये वायु प्रदूषण के समान लक्षण पैदा कर सकते हैं।
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पानी करेगा बचाव
वायु प्रदूषण से बचने में पानी आपकी बहुत हेल्प कर सकता है। पानी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है, जो लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों सहित परिवार में सभी लोगों के लिए अच्छे तरल पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
एयर प्यूरीफायर और एयर प्यूरीफाइंग प्लांट्स
अगर आपके बच्चे या परिवार में किसी को भी अस्थमा या फिर कोई एलर्जी है तो आप एक एयर प्यूरीफायर में निवेश कर सकते हैं। ये एलर्जी और छोटे कणों को हटाकर हवा को शुद्ध करने में मदद कर सकता है। आप अपनी कार में भी इसे लगा सकते हैं। आप घर में पौधे को रख सकते हैं, जो इनडोर को शुद्ध रखने में मदद करता है। आप अपने घर को तरोताजा रखने के लिए एरेका पाम, एलोवेरा, अजैला और तुलसी खरीद सकते हैं।
सही खाद्य पदार्थों का करेें चुनाव
प्रदूषित वातावरण के दौरान, ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो आपकी इम्यूनिटी सिस्टम को पोषित करते हैं। अपने इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने के लिए आप फलों, सब्जियों, ओमेगा 3 और विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं।
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