नई दिल्ली: शादी के बाद ज्यादातर युवतियों का सपना मां बनने का होता है। बचपन में कई जरूरी बातों को इग्नोर करने पर शादी के बाद उसका सीधा असर उसके वैवाहिक जीवन पर पड़ता है। उसे अपनी गलतियों के बारे में जब तक पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। डाक्टर बताते है कि उसे फर्टिलिटी है। वह अब फिर कभी सामान्य तरह से संतान पैदा नहीं कर पायेगी। तो आइये यहां आपको फर्टिलिटी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते है।
पीरियड्स को न करें इग्नोर
आपके मासिक चक्र फर्टिलिटी को लेकर काफी हद तक क्लू देते हैं। अगर आपके दिन 25 से 30 दिन से ज्यादा हैं तो यह संकेत हो सकता है कि आव्यूलेशन रेग्युलर नहीं हैं। माउंट सिनाई के असिस्टेंट प्रोफेसर फाहिमेह सासन ने एक स्टडी के बारे में बताया कि जिनके चक्र 25 दिनों से कम रहे उनमें 27 से 29 दिनों तक रहने वालों की अपेक्षा कंसीव करने की क्षमता कम होती है। अगर आप 30 की उम्र के करीब हैं और अनियमित मासिक चक्र हैं तो यह पेरिमेनोपाज का संकेत हो सकता है।
वजन पर देना चाहिए ध्यान
लगभग 12 प्रतिशत इनफर्टिलिटी के केस वजन को लेकर होते हैं। इसका कारण ये है कि चूंकि आपकी बॉडी फैट एस्ट्रोजेन प्रोड्यूस करता है, तो ज्यादा वजन या बहुत कम वजन आपके सामान्या आॅव्यूलेशन में बाधा डाल सकता है।
एक्सरसाइज का प्रभाव
शोध में पता चला है कि ब्रिस्क वाकिंग अच्छी फर्टिलिटी से जुड़ी होती है। पसीना बहाओ लेकिन बहुत ज्यादा नहीं। बोस्टन यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में पाया गया कि सप्ताह में चार घंटे रनिंग या एरोबिक्स जैसी गतिविधि करने वाली सामान्य वजनी महिला का इन गतिविधियों को न करने वालों की तुलना में प्रेगनेंट होने की संभावना 47 प्रतिशत कम होती है। अगर आप ज्याद वर्कआउट करते हैं तो आपका शरीर इन गतिविधियों को गंभीर तनाव या ऊर्जा की कमी के रूप में लेता है और प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है।
पिल्स लेना फायदे का सौदा
बोस्टन यूनिवर्सिटी के अध्ययन के मुताबिक ओरल कान्ट्रासेप्टिव्स महिलाओं की फर्टिलिटी को नुकसान नहीं पहुंचाती बल्कि इसका लगातार उपयोग फर्टिलिटी में लाभ भी पहुंचाता है। महिलाएं जो चार साल से ज्यादा समय से पिल्स ले रही थीं, उनके प्रेगनेंट होने की अधिक संभावना थी बजाए उन महिलाओं के जिन्होंने केवल दो सालों से कम समय तक पिल्स ली। अध्ययन के मुताबिक ये पिल आव्यूलेशन को रोकता है जो कि कुछ एग सप्लाई को प्रिजर्व करने में मदद करता है।
प्रेगनेंट होना के लिए जरूर कराए चेकअप्स
एसटीडी स्क्रीनिंग : गोनोरिया और क्लैमाइडिया के कारण पेल्विक में सूजन की शिकायत हो सकती है जो कि फैलोपियव ट्यूब्स को ब्लाक कर सकती है।
थायराइड लेवल्स की जांच: हाइरो और हाइपर थायराइडिज्म इनफर्टिलिटी से जुड़े होते हैं।
डेंटिस्ट से चेकअप कराएं: अध्ययन से पता चलता है कि गम डिसीज वाली महिलाओं को गर्भधारण में अधिक समय लगता है। गम डिसीज पूरे शरीर में सूजन पैदा करता है।
अगर आपकी मदर को मेनोपाज जल्दी या देर से हुआ है तो संभावना है कि आपका भी होगा। पूरी फर्टिलिटी जीन से भी जुड़ी हो सकती है। कुछ संबंधित स्थितियों जैसे फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस इनहेरिटेड हो सकते हैं।
अगर आपको कंसीव करने में परेशानी है तो ये टेस्ट्स करवाएं
-हिस्टेरोसल्पिंगोग्राम
-ट्रांसवैजाइनल अल्ट्रासाउंड
- ब्लड टेस्ट