Benefits of Green Leafy Vegetables: प्रोटीन-मिनरल से भरपूर हैं ये 5 साग, सेहत को रखते हैं दुरुस्त

हरी पत्तेदार सब्जियां (Green Leafy Vegetables) सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक पत्तेदार सब्जियों में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

Newstrack :  Network
Published By :  Ashiki
Update:2021-08-29 17:23 IST

कांसेप्ट इमेज (फोटो- सोशल मीडिया)

Benefits of Green Leafy Vegetables: हरी पत्तेदार सब्जियां (Green Leafy Vegetables) सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक पत्तेदार सब्जियों में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। साग की तासीर गर्म होती है इसलिए सर्दियों में इन्हें खाने से बहुत फायदे मिलते हैं। ज्यादातर लोग सरसों का साग, मेथी का साग और पालक खाना ही पसंद करते हैं लेकिन आपको बता दें कि बाजार में और भी कई तरह के साग मिलते हैं, जो सेहत के लिए बहुत अच्छे हैं। चलिए आपको बताते हैं ऐसे ही 5 सागों के बारे में और उनसे आपको कैसे फायदा पहुंच सकता है।

पालक (Spinach)

पालक (Spinach) का साग त्वचा, हड्डियों और बालों को स्वस्थ रखता है। सर्दियों में इसका सेवन करने से बीमारियां कम होती हैं। डायबिटीज के लोगों को अक्सर पालक खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है। पालक में भरपूर मात्रा में आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम होता है। आंखों की रोशनी के लिए भी पालक काफी लाभदायक होता है।

मेथी (Fenugreek) का साग

मेथी का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है। यह बालों के लिए भी काफी लाभकारी होता है। सर्दियों में ज्यादातर लोग मेथी का साग खाना पसंद करते हैं। इसकी सब्जी और पराठे भी बनाए जाते हैं। इस लो कैलोरी वाले पत्तेदार साग में ट्राइगोनेलिन और डायोसजेनिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मददगार होते हैं।

सहजन का साग (Drumstick)

सहजन (Drumstick tree) की फली की सब्जी खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगती है, लेकिन इसके साग के बारे में कम ही लोग जानते होंगे। सहजन के पत्ते विटामिन, प्रोटीन और अमीनो एसिड से भरपूर होते है। यही नहीं सहजन का साग खाने से गठिया, डायबिटीज, दिल संबंधी बीमारी, सांस संबंधी बीमारी, त्वचा और पाचन की समस्याओं से आसानी से निपटा जा सकता है।

बथुआ का साग

सर्दियों में घर में बथुए के साग की सब्जी, पराठे बनाये जाते होंगे। साथ ही इसका रायता भी बनाया जाता है। आमतौर पर बिहार के लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं। बथुआ में पाटेशियम, फॉस्फोरस, जिंक, कैल्शियम और अन्य एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। यह साग ब्लड प्यूरीफायर का काम करता है।

कलमी साग

दक्षिण भारत (South India) में कलमी साग काफी मशहूर है। वहां इसे एनी सोप्पू नाम से जाना जाता है। इस साग को खाने से वजन घटाने में मदद मिलती है। यह कम कैलोरी वाला साग विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स से भरपूर है। 

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