Dahi Handi 2023: क्यों हर साल दही हांड़ी की प्रतियोगिता में मुंबई में होती है बारिश,जानिए इसका कारण

Dahi Handi 2023: क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि हर साल दही हांडी उत्सव के दौरान बारिश क्यों होती है। तो आइये आज हम आपको इसका सच बता देते हैं।

Update:2023-09-07 22:16 IST

Dahi Handi 2023 (Image Credit-Social Media)

Dahi Handi 2023: आज देश भर में दही हांडी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ वहीँ सुबह से ही कभी हलकी तो कभी तेज़ बारिश का सिलसिला भी चलता रहा। वहीँ भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 7, 8 और 9 सितंबर को मुंबई में हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है। वहीँ 10 सितंबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। जिसमें आंधी और तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि हर साल दही हांडी उत्सव के दौरान बारिश क्यों होती है। तो आइये आज हम आपको इसका सच बता देते हैं।

क्यों हमेशा होती है दही हांडी उत्सव के दौरान मुंबई में बारिश

पौराणिक कथाओं की माने तो जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, तो भारी बारिश हुई थी। ये दुनिया के पापों को धोने और नए अवतार का स्वागत करने के लिए था। वहीँ एक अन्य किंवदंती के अनुसार जब देवताओं ने कृष्ण का सुंदर रूप देखा तो उनके द्वारा बहाए गए खुशी के आंसुओं के कारण बारिश हुई। कुछ लोगों का मानना ​​है कि बारिश भगवान कृष्ण के आशीर्वाद के रूप में हम सभी पर बरसती है। उनका कहना है कि ये अपने भक्तों के पापों को धोने और उन्हें नई शुरुआत देने का उनका तरीका है। वहीँ कुछ मानते है कि बारिश धरती को ठंडा करने और गर्मी से राहत दिलाने का एक तरीका है।

लेकिन इन सभी बातों से जो एक बात निकल कर है कि जन्माष्टमी पर बारिश को एक शुभ घटना के रूप में ही देखा जाता है। ये कृष्ण के जन्म का जश्न मनाने और उनका आशीर्वाद मांगने का समय कहलाता है।

भगवान कृष्ण के जन्म से है इस बारिश का सम्बन्ध

भगवान् विष्णु के आठवे अवतार श्री कृष्ण देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान भी थे। दुर्भाग्य से देवकी मथुरा के दुष्ट राजा कंस की बहन थी। लेकिन कंस तबतक अपनी बहन से बहुत प्यार करता था जब तक एक भविष्यवाणी नहीं हुई थी दरअसल देवकी की शादी के बाद कंस को एक भविष्यवाणी द्वारा चेतावनी दी गई थी कि वो अपने आठवें भतीजे द्वारा मारा जाएगा। इस भविष्यवाणी को सच होने से रोकने के लिए कंस ने देवकी और उनके पति वासुदेव को कैद कर लिया था।

जिस रात कृष्ण का जन्म हुआ, उस रात वासुदेव को एक दिव्य आवाज सुनाई दी जिसमे कहा गया था कि वो बच्चे को ले जाएं और यमुना नदी के किनारे एक गांव गोकुल में रख दें । वासुदेव ने वैसा ही किया जैसा उनसे कहा गया था, और उन्होंने भारी वर्षा के बीच नन्हे कृष्ण को एक टोकरी में रखकर नदी को पार किया और वहां ले गए। वासुदेव सुरक्षित रूप से गोकुल पहुंच गए, और उन्होंने कृष्ण को नंद और यशोदा को दे दिया। यशोदा ने उस रात एक बेटी को जन्म दिया था वासुदेव उस बेटी को लेकर और कृष्ण को यशोदा के पास लिटाकर वहां से चले गए। नंद और यशोदा ने कृष्ण को अपने बेटे की तरह पाला।

जब कृष्ण कुछ बड़े हो गए तो वो मथुरा गए और जैसा की भविष्यवाणी में कहा गया था उन्होंने उसे पूरा भी किया और कंस का वध कर दिया। इसके बाद उन्होंने कई वर्षों तक मथुरा पर बुद्धिमानी और न्यायपूर्वक शासन किया।

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