Jaya Kishori Fees: जया किशोरी एक घंटे में कमा रही इतना, कसम से होश उड़ जाएंगे आपके ये जान कर
Jaya Kishori Fees: क्या आप जानते हैं कि वो एक भागवदगीता पाठ के लिए कितनी फीस लेतीं हैं। इस बारे में जानकार आप हैरान रह जायेंगे। लेकिन आज हम आपको इसके बारे में एक एक डिटेल बताएँगे।
Jaya Kishori Earnings: कथावाचिका जया किशोरी अपने प्रवचनों, भजनों और मोटिवेशनल बातों से सभी को मंत्रमुग्ध कर देतीं हैं। वो सोशल मीडिया पर भी काफी पॉपुलर हैं ऐसे में क्या आप जानते हैं कि वो एक भागवदगीता पाठ के लिए कितनी फीस लेतीं हैं। इस बारे में जानकार आप हैरान रह जायेंगे। लेकिन आज हम आपको इसके बारे में एक एक डिटेल बताएँगे।
एक भागवदगीता पाठ के लिए कितनी फीस लेतीं हैं जया किशोरी
कथावाचिका जया किशोरी किसी इंट्रोडक्शन की मोहताज नहीं है वो अपने भजनों से लेकर, भागवत कथा और मोटिवेशनल विचारों से सभी को काफी प्रभावित करतीं हैं। इस वजह से उनके भक्त केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मौजूद हैं। लोग न सिर्फ उनके भजन, कथा और विचारों को सुनने के इक्छुक रहते हैं बल्कि उन्हें उनकी पर्सनल लाइफ में भी काफी इंटरेस्ट है। जैसे उनकी ग्लोइंग स्किन का राज़, लम्बे बालों का सीक्रेट, उनके खान पान, फैशन स्टाइल, पढ़ाई और नेटवर्थ। वहीँ लोग ये जानने में काफी उत्सुक रहते हैं कि उनके कमाई के स्रोत क्या है और वो एक भागवत कथा पाठ या प्रवचन के लिए कितनी फीस लेतीं हैं।
जया किशोरी जी के आय के स्त्रोत
जब बात आती है जया किशोरी जी के आय के स्त्रोत की तो आपको बता दें कि वो पूरे देश में श्रीमदभागवदगीता का पाठ करती हैं जिससे उनकी काफी कमाई होती है। इसके साथ साथ वो मोटिवेशनल स्पीच भी देतीं हैं। जिसमे भी वो काफी अच्छी खासी फीस लेती हैं। इन सब के साथ ही वो भजन भी गाती है उनके कई वीडियो भी रिलीज़ हो चुके हैं। ये यूटयूब पर भी मौजूद हैं। इसके अलावा उन्हें कई बड़े समारोह में भी न्योता दिया जाता है जहाँ भी उन्हें अच्छा खासा भुगतान किया जाता है।
भागवत गीता के पाठ पर लेतीं हैं इतनी फीस
जया किशोरी जी नानी बाई का मायरा और श्रीमदभागवत गीता पाठ करने के लिए भी मोटी फीस लेती हैं वो इसके लिए करीब 9 लाख 50 हजार रुपये की फीस लेती हैं। साथ ही इसके लिए वो आधा अमाउंट कथा के पहले लेती हैं और आधा उसके बाद। उनकी साल भर की कमाई करीब 2 करोड़ रुपये है। वहीँ आपको बता दें कि वो अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा जयपुर के नारायण सेवा संस्थान को दान कर देती हैं। वहां दिव्यांगों के लिए आर्टिफिशियल हाथ-पैर बनाये जाते हैं। इस तरह से जया जी समाज सेवा के कार्यों में भी अपनी कमाई को खर्च करती हैं।