World Tuberculosis Day: टीबी है खतरनाक भूलकर भी नज़रअंदाज़ न करे इसके लक्षण
World Tuberculosis Day: टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस एक गंभीर संक्रामक रोग हैं जो कि माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया से फैलती है।
World Tuberculosis Day 2023: विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा साल 2030 तक विश्व को टीबी मुक्त कराने के निर्देश है लेकिन भारत एशियाई देशों टीबी में प्रथम स्थान पर है इसलिए उसने साल 2025 तक देश को टीबी मुक्त कराने की चुनौती ली है ।
टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस एक गंभीर संक्रामक रोग हैं जो कि माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया से फैलती है । टीबी की बात करते हैं हमारा ध्यान हमारे फेफड़ो पर जाता है क्योंकि 80 प्रतिशत मामलो में टीबी के कारण व्यक्ति के फेफड़े ही प्रभावित होते है । यह बिमारी पीड़ित द्वारा छींकने, खांसने से दूसरों को संक्रमित कर सकती है । कमजोर इम्युनिटी या पहले से बीमार लोग टीबी की चपेट में जल्द आते हैं इसलिए इस बिमारी के इलाज से पहले इसके लक्षणों को जानना अधिक महत्वपूर्ण है ।
विश्व तपेदिक दिवस का इतिहास
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रवेशन के अनुसार 24 मार्च, 1882 को डॉ रॉबर्ट कोच ने टीबी के लिए जिम्मेदार माइक्रोबैक्टीरियल ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया की खोज की थी । उनकी इस खोज की वजह से डॉ रॉबर्ट कोच को साल 1905 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया ।
इस बिमारी की जागरूकता फैलाने के लिए प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को विश्व तपेदिक दिवस मनाया जाता है ।
विश्व तपेदिक दिवस का महत्त्व
दुनिया में लगभग 2 बिलियन लोग अभी भी टीबी की बिमारी से संक्रमित है । दुनिया के सभी लोगो को टीबी के बारे में शिक्षित और उसके प्रसार को सीमित करना इस दिवस का महत्त्व है ।
विश्व तपेदिक दिवस की थीम
विश्व तपेदिक दिवस 2023 की थीम “यस वी कैन एन्ड टीबी” “क्या हम टीबी का अंत कर सकते है” का चयन किया गया ।
2025 तक टीबी मुक्त होगा भारत
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2030 तक विश्व से इस घातक बिमारी को खत्म करने का संकल्प लिया है । दूसरी ओर भारत ने 2025 तक इस खतरनाक बिमारी को देश से ख़त्म करने का संकल्प लिया है । केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ भारती प्रवीण ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि विश्व का टीबी से मुक्ति का लक्ष्य 2030 तक है लेकिन भारत देश अपने सफल प्रयासों से 2025 तक इस घातक बीमारी से मुख्त हो जाएगा ।
दुनिया भर में प्रत्येक दिन टीबी से 4000 लोगों की होती है मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में प्रत्येक दिन 4000 लोग तपेदिक बिमारी के कारण मरते है । टीबी की बिमारी में भारत एशियाई देशो में सबसे प्रथम स्थान पर है । इसलिए भारत सरकार द्वारा विश्वास उनके लक्ष्य से पहले ही भारत देश से टीबी रोग को खत्म करना है ।
तपेदिक रोग के लक्षण
1) बहुत ज्यादा कफ़ जो सामान्य दवाइयों से ठीक ना हो
2) छाती में दर्द होना
3) बलगम के साथ खून आना
4) अधिक ठंड लगना
5) रात के समय पसीना आना
6) सांस लेने में यह खासते समय सीने में दर्द
7) भूख न लगना
8) ज़्यादा थकान होना
टीबी का इलाज क्या है ?
टीबी का सत प्रतिशत इलाज मौजूद है। इस रोग से लोगों की मौत इसलिए होती है क्योंकि वह देर में उसका इलाज करवातें हैं । टीबी की लेटेस्ट स्टेज पर ही डॉक्टर के पास जाने से सिर्फ ऐंटीबायॉटिक दवा खाने पर टीबी को ठीक किया जा सकता है ।