Book Launch: वार्षिक पत्रिका अपूर्वा और 'केसव, कहि न जाइ का कहिये' का हुआ विमोचन

Book Launch: कविताओं का लिखना और छपना एक महत्वपूर्ण कार्य है, यही पुस्तकें समाज में एक कीर्तिमान स्थापित करती है

Update:2023-04-23 01:58 IST
वार्षिक पत्रिका अपूर्वा और 'केसव, कहि न जाइ का कहिये' का हुआ विमोचन(फ़ोटो:न्यूज़ट्रैक)

Book Launch: साहित्यिक मंच भारतीय लेखिका परिषद, लखनऊ के तत्वावधान में बौद्ध शोध संस्थान में पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान प्रसिद्ध लेखिका अंजना मिश्रा की प्रकाशित निबंध संग्रह 'केसव, कहि न जाइ का कहिए तथा बालगीत संग्रह 'पेड़ हमारे पापा होते’ और भारतीय लेखिका परिषद की वार्षिक पत्रिका 'अपूर्वा का विमोचन किया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि सभी लेखकों का सपना और उनका लिखना बेहद महत्वपूर्ण होता है। लेखक की लेखनी से ही उनकी पहचान होती है और उसी से वह समाज में एक कीर्तिमान स्थापित करते हैं। तुलसीदास जी की रामायण को वर्ष बाद भी लोग पहचानते हैं तो वहीं मिर्जा गालिब को 100 वर्षों बाद लोगों ने तवज्जो दिया, इसलिए पुस्तकों का लिखा जाना और उनका लोकार्पण होना एक महत्वपूर्ण कार्य है। भारतीय लेखिका परिषद की वार्षिक पत्रिका अपूर्वा में वर्ष भर का साहित्य, ज्वलंतशील मामले, कविताएं, गद्य जैसे विषयों को शामिल किया जाता है जो संस्था की लेखिकाओं द्वारा लिखित होते हैं। समाज के सभी मुद्दे जैसे आर्थिक सामाजिक राजनीतिक सभी विषयों पर लेखिकाओं की कलम सदैव चलती रहती है। 'केसव, कहि न जाइ का कहिये’पुस्तक के निबंधों पर लेखिका और मुख्य अतिथियों द्वारा प्रकाश डाला गया तथा आज के समकालीन जीवन में इन लेखों की उपयोगिता को विशेष रूप से रेखांकित किया। बच्चों के गीत संग्रह ‘पेड़ हमारे पापा होते है’ की लेखनी से कवयित्री द्वारा कोमल कल्पनाओं को सहजता से उकेरा गया है। इस पुस्तक में बाल गीतों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भलीभाँति समझाया गया है।

लेखक एवं साहित्यकार हुए सम्मानित

पद्मश्री विद्याबिन्दु सिंह साहित्य कीर्ति सम्मान, डॉक्टर सुनीता गांधी शिक्षा की इतनी सम्मान और आशीष मिश्रा साहित्यतमिल लेखक का सपना और उनका लिखना एवं पत्रकारिता कीर्ति श्री सम्मान से सम्मानित किए गए। सभी ने साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना एक अहम योगदान दिया है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि

मुख्य अतिथि के तौर पर हिन्दी भाषा के विद्वान डॉ. सूर्य प्रसाद दीक्षित पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष, लखनऊ विश्वविद्यालय तथा विशिष्ट अतिथि प्रख्यात साहित्यकार महेश चंद्र द्विवेदी पूर्व पुलिस महानिदेशक, उ०प्र०, शैलेंद्र जैन साहित्यकार एवं समाजसेवी उपस्थित रहे।

Tags:    

Similar News