MP News: रीवा में पत्थर के नीचे दबी मिली युवक की लाश, देख कर हक्का-बक्का रह गई पुलिस

MP News Today: इस वक्त की बड़ी खबर रीवा जिले से है, जहां एक बार फिर एक युवक की हत्या की गई है, युवक का शव गोविंद गढ़ पहाड़ी में पत्थरों के नीचे दबा मिला है।

Newstrack :  Network
Update: 2022-09-25 02:19 GMT

रीवा में पत्थर से कुचलकर की गई युवक निर्मम हत्या: Photo- Newstrack

MP News: इस वक्त की बड़ी खबर रीवा जिले से है, जहां एक बार फिर एक युवक की हत्या (murder of young man) की गई है, युवक का शव गोविंद गढ़ पहाड़ी में पत्थरों के नीचे दबा मिला है। जिसकी पहचान विवेक तिवारी पिता उमेश तिवारी उम्र लगभग 27 वर्ष निवासी लोही थाना सिटी कोतवाली के रूप में हुई है। युवक का शव छुहिया घाटी रीवा से शहडोल रोड के पश्चिम साइड लगभग 100 मीटर की दूरी पर झाड़ी में मिला है। जिसको अज्ञात हत्यारों ने हत्या करके शव पत्थर से नीचे दबा दिया था।

घटना स्थल का सीन ऑफ क्राइम मोबाइल यूनिट (crime mobile unit) के प्रभारी डॉक्टर आरपी शुक्ला एवं उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय उमेश प्रजापति एवं थाना प्रभारी गोविंद गढ़ शिवा अग्रवाल द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पंचनामा एवं फोटोग्राफी कराकार लाश को संजय गांधी अस्पताल में पोस्टमार्टम लिए रवाना किया गया है। पूरे मामले की पुलिस तहकीकात कर रही है कि युवक घर से कैसे निकला और किन परिस्थितियों में हत्या की गई है ।

रीवा जिले में लूट चोरी हत्या की घटनाओं में बढ़ोतरी

आपको बता दें कि रीवा जिले में लूट चोरी हत्या की घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अपराधियों के सामने नतमस्तक लग रहा है। ऐसा लग रहा है कि पुलिस सिर्फ दिखावे के लिए रह गई है। पुलिस झूठे मामले दर्ज करने में व्यस्त है। जबकि अपराधी खुलेआम पुलिस को चुनौती देते हुए लूट चोरी हत्या जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

पुलिस प्रशासन हत्या की घटनाओं पर अंकुश लगा पाने में नाकाम

रीवा जिले में इन दिनों दिल दहला देने वाली घटनाएं निकल कर सामने आ रही हैं, वहीं एक और घटना गोली चलाने की रीवा शहर के विश्वविद्यालय इंदिरा नगर में घट गई है। कहीं ना कहीं पुलिस प्रशासन अपराध पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। लगातार रीवा जिले में क्राइम का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। विगत 3 माह से लगातार हत्या जैसी घटनाएं घटित हो रही है। उसके बाद भी पुलिस प्रशासन हत्या की घटनाओं पर अंकुश लगा पाने में अभी तक नाकाम साबित हुआ है।

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