आखिर संसद किसकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है?
आठ बार लोकसभा सांसद रह चुकी महाजन ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह अब निचले सदन का चुनाव नहीं लड़ना चाहती।
नयी दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने 17वीं लोकसभा के लिए तैयारियों की समीक्षा के वास्ते शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि संसद का निचला सदन अब उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है।
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आठ बार लोकसभा सांसद रह चुकी महाजन ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह अब निचले सदन का चुनाव नहीं लड़ना चाहती।
उनके इस फैसले के बाद लोकसभा के अधिकारियों के साथ महाजन की यह पहली बैठक है।
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए महाजन ने कहा कि 17वीं लोकसभा के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं।
उन्होंने बताया कि पहली बार सांसद बनने वाले नेताओं को नियम पुस्तिका और संविधान की प्रति जैसी पुस्तकें दी जाएगी। सांसदों का रेलवे स्टेशनों और हवाईअड्डों पर अलग से स्वागत किया जाएगा।
संसद की इमारत में 24 घंटे का एक सुविधा केंद्र भी बनाया जाएगा।
अस्थायी व्यवस्था के तौर पर वेस्टर्न कोर्ट में करीब 100 कमरे उपलब्ध कराए जाएंगे और कोई भी होटलों में नहीं ठहरेगा।
उन्होंने बताया कि राज्य सदनों में 200 कमरे बुक किए जाएंगे जब तक कि राष्ट्रीय राजधानी में नए सांसदों के लिए स्थायी आवासीय व्यवस्था ना हो जाए।
यह पूछे जाने पर कि अब लोकसभा का हिस्सा ना रहने पर उन्हें कैसा लगेगा, इस पर महाजन ने कहा कि पिछले तीन दशकों से लोकसभा का सदस्य होने के कारण यह अब उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है।
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उन्होंने कहा, ‘‘मैं तीन दशकों से लोकसभा की सदस्य रही हूं। मुझे प्रतिक्रिया मिल रही है कि लोकसभा मुझे याद करेगी।’’
देश में सात चरणों में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं और नतीजे 23 मई को घोषित किए जाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह का फैसला उसके बाद होगा।
(भाषा)