बसपा विधायक उमाशंकर सिंहः पार्टी ने सौंपी खास जिम्मेदारी, तलाशेंगे जिताऊ प्रत्याशी

बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने न्यूजट्रैक से बातचीत में कहा कि आगामी चुनाव में बसपा व भाजपा की सीधी टक्कर होगी। उन्होंने इसके साथ ही जानकारी दी कि बसपा अगड़ी जाति के जिताऊ उम्मीदवार पर दांव लगायेगी।

Update: 2020-11-16 13:49 GMT
BSP MLA Umashankar Singh: Party entrusted special responsibility, will seek Jitau candidate

बलिया। बसपा ने विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए तैयारी शुरू कर दी है । बसपा ने अगड़ी जातियों को जोड़ने के लिए विधायक उमाशंकर सिंह को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है तो दूसरी तरफ पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजभरों को जोड़ने की कवायद के तहत भीम राजभर पर दांव खेला है।

बसपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर ने आज बसपा को सर्व समाज की पार्टी व अति पिछड़े वर्ग का हितैषी करार देकर दल की रणनीति का खुलासा भी कर दिया है । उन्होंने राजभरों को रिझाते हुए कहा है कि राजभरों का मान व सम्मान बसपा में ही सुरक्षित है।

नये सिरे से कवायद

विधानसभा के पिछले दिनों हुए उप चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बसपा ने नये सिरे से कवायद शुरू कर दी है। बसपा ने जिले के रसड़ा क्षेत्र के विधायक उमाशंकर सिंह को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। बसपा विधायक विधानसभा के आगामी चुनाव के मद्देनजर अगड़ी जातियों के जिताऊ उम्मीदवार की खोजबीन का कार्य करेंगे।

बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने न्यूजट्रैक से बातचीत में कहा कि आगामी चुनाव में बसपा व भाजपा की सीधी टक्कर होगी। उन्होंने इसके साथ ही जानकारी दी कि बसपा अगड़ी जाति के जिताऊ उम्मीदवार पर दांव लगायेगी।

पार्टी एक तरफ सामाजिक समीकरण को दुरुस्त करने के लिए अगड़ी जातियों को जोड़ने की रणनीति पर कार्य कर रही है, दूसरी तरफ वह अन्य पिछड़ा वर्ग को जोड़ने की कोशिश में भी जुट गई है। इसी रणनीति के तहत राजभर वर्ग से जुड़े भीम राजभर को मुनकाद अली को हटाकर बसपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।

ओमप्रकाश राजभर मानने को तैयार नहीं

भीम राजभर बसपा से मऊ से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। यह दीगर है कि भीम राजभर को मुख्तार अंसारी से पटखनी खानी पड़ी थी। हालांकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर यह मानने को तैयार नहीं हैं कि बसपा को राजभर मतों को जोड़ने में सफलता मिलेगी।

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सुभासपा अध्यक्ष का कहना है कि भीम राजभर के सहारे बसपा को राजभरों से निराशा ही हासिल होगा। वह कहते हैं कि भीम राजभर स्वयं विधानसभा चुनाव में राजभर मत प्राप्त नहीं कर सके थे तो वह राजभरों को बसपा से जोड़ने में कैसे सफल हो पायेंगे।

भीम राजभर को बसपा द्वारा प्रदेश की कमान सौपने के बाद आने वाले समय में राजभर मतों पर कब्जे के लिए संघर्ष तेज होगा। भाजपा ने राजभर मतों को सहेजने के लिए मंत्री अनिल राजभर को लगाया है तो सपा की तरफ से रमाशंकर राजभर विद्यार्थी मैदान में हैं।

2022 में माया सरकार

सूबे में बसपा की कमान संभालने के बाद भीम राजभर ने आज भाजपा सरकार पर तीखे हमले करते हुए दावा किया है कि वर्ष 2022 में यूपी की मुख्यमंत्री बसपा मुखिया मायावती बनेगी। प्रदेश अध्यक्ष श्री राजभर ने आज जिले के फेफना में बसपा कार्यालय पर आयोजित सम्मान समारोह में भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।

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उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार संविधान को नकारने के साथ ही संविधान एवं लोकतंत्र की हत्या करने पर तुली हुई है। उन्होंने योगी सरकार में कानून व्यवस्था की बदतर होती स्थिति को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सूबे में चारों तरफ अराजकता का बोलबाला हो गया है।

भीम राजभर ने इसके साथ ही कहा कि आये दिन हो रही हत्या, लूट व बलात्कार आदि घटनाएं यह साबित करती है कि प्रदेश में कानून का राज समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि सूबे के लोग अब उम्मीद भरी निगाहों से बसपा मुखिया मायावती की तरफ देख रहे है। उन्होंने कहा कि बसपा सर्वसमाज को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है। उन्होंनेे राजभर मतदाताओं को रिझाते हुुुए कहा कि राजभरों का मान व सम्मान बसपा में ही सुरक्षित है ।

अनूप कुमार हेमकर

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