जानिए कैसे सजा पूरी होने से पहले ही जिला कारागार में बंद गैंगस्टर की हुई मौत
कोतवाली शहर क्षेत्र के अंतर्गत जिला कारागार में एक और कैदी की मौत से जेल प्रशासन में खलबली मची हुई है। एक सप्ताह के अंदर जिला कारागार के अंदर हुई दो कैदियों की मौत ने जेल प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि प्रशासन अपने बचाव में जुटा है और मृतक के परिजन मौत की वजह संदिग्ध बता रहे हैं।
हरदोई: जिला कारागार की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है।एक हफ्ते के अंदर जिला कारागार में दो कैदियों की मौत से जेल प्रशासन पर कई सवाल उठने लगे हैं। अभी बीते एक सप्ताह के अंदर ही एक कैदी की मौत हुई थी जिसके बाद फिर गैंगेस्टर के आरोप में बंद एक कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। जिसके बाद पूरे जेल प्रशासन में खलबली मची हुई है हालांकि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी सही बात बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है फिलहाल मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
कोतवाली शहर क्षेत्र के अंतर्गत जिला कारागार में एक और कैदी की मौत से जेल प्रशासन में खलबली मची हुई है। एक सप्ताह के अंदर जिला कारागार के अंदर हुई दो कैदियों की मौत ने जेल प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि प्रशासन अपने बचाव में जुटा है और मृतक के परिजन मौत की वजह संदिग्ध बता रहे हैं। मंसाराम नाम का यह आरोपी गैंगस्टर समेत अन्य सात मामलों में जिला कारागार में सजा काट रहा था जिसकी बीती देर रात अचानक ही संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई जिसके बाद आनन-फानन में मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया मृतक के परिजन जेल प्रशासन पर कई आरोप भी लगा रहे हैं।
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बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र के अलीगढ़ निवासी मंसाराम 13 अगस्त 2017 से जिला कारागार में बंद था । बताया जा रहा है कि मंसाराम ने बुधवार की सुबह उलझन होने की शिकायत की थी जिस पर उसे जिला कारागार के डॉक्टर अखिलेश बाजपेई के पास उपचार के लिए भेजा गया था डॉक्टर ने उसे दवा दे दी लगभग 2 घंटे के बाद डॉक्टर बाजपेई ने मंशाराम को फिर से देखा, डॉक्टर के घर से निकलते ही मंसाराम बेहोश हो गया जिसके बाद जेल कर्मी उसको लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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हालांकि मृतक के परिजनों का कहना है कि उनको सूचना दी गई कि मंसाराम की तबीयत खराब है और वह जिला अस्पताल में भर्ती हैं जब परिजन जिला अस्पताल पहुंचे तो परिजनों ने मंसाराम को मरा हुआ पाया जिस पर परिजनों ने डॉक्टरों से पूछताछ की तो पता चला कि उन्हें यहां मृत हालत में ही लाया गया था जिस पर परिवारी जन मौत को संदिग्ध मानकर जेल प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं।वहीं अगर पूरे आंकड़ों की बात की जाए तो 13 माह के भीतर अभी तक जिला कारागार के अंदर 9 कैदियों की मौत हो चुकी है और इन कैदियों की मौत अभी भी एक रहस्य बनी हुई है