रघुराम राजन ने दीपिका पादूकोण को लेकर दिया बड़ा बयान

Update: 2020-01-11 09:39 GMT

नई दिल्ली। देश की प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में लेफ्ट समर्थित छात्रों से मारपीट का मामला सुर्खियों में है। विपक्षी दलों के नेता ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। कुछ बॉलीवुड हस्तियां भी पीड़ित छात्रों के समर्थन में खड़ी नजर आ रही हैं।

कई फिल्मी हस्तियों ने दिया समर्थन

अनुभव सिन्हा, अनुराग कश्यप, तापसी पन्नू, जोया अख्तर, राहुल बोस समेत कई फिल्मी हस्तियों ने सड़कों पर उतर छात्रों से मारपीट की निंदा की थी। मामले ने तब और तूल पकड़ा जब दीपिका पादुकोण पीड़ित छात्रों से मिलने के लिए JNU जा पहुंचीं। उन्होंने छात्रसंघ अध्यक्ष आयशी घोष से मुलाकात की और उनके जज्बे को सलाम किया। जिसके बाद दीपिका बीजेपी के निशाने पर आ गईं।

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रघुराम राजन ने दीपिका पादुकोण का समर्थन किया

बीजेपी नेताओं ने एक्ट्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और वह सोशल मीडिया पर उनकी फिल्म छपाक का बॉयकॉट करने लगे। RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने दीपिका पादुकोण का समर्थन किया है।

रघुराम राजन ने अपने ब्लॉग में दीपिका पादुकोण का नाम लिखे बगैर लिखा, 'जब एक एक्ट्रेस अपनी फिल्म को जोखिम में डालकर जेएनयू पीड़ितों से मुलाकात कर विरोध दर्ज कराती हैं तो वो हमें इस वजह से प्रेरित करती हैं कि दांव पर क्या लगा है। उन्होंने दिखाया कि सच और न्याय सिर्फ बड़े-बड़े शब्द नहीं हैं बल्कि ऐसे आदर्श हैं जिनके लिए कुर्बानी दी जा सकती है।'

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भारत में अलग-अलग समुदायों के युवा एक साथ मार्च कर रहे

उन्होंने आगे लिखा, 'आज भारत में अलग-अलग समुदायों के युवा एक साथ मार्च कर रहे हैं। हिंदू और मुस्लिम हाथ में हाथ डाले एक साथ तिरंगे के साथ चल रहे हैं और उस विभाजन को अस्वीकार कर रहे हैं जो राजनेताओं ने अपने फायदे के लिए तैयार किया है। उन्होंने दिखा दिया है कि संविधान सबसे ऊपर है और इससे ऊपर कोई नहीं।'

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मीडियाकर्मियों की भी तारीफ की

रघुराम राजन ने चुनाव आयोग के अधिकारी अशोक लवासा का नाम लिए बगैर लिखा है, 'जब एक इलेक्शन कमिश्नर अपने और अपने परिवार के उत्पीड़न के बावजूद सच्चाई की राह पर चलना जारी रखता है, तो उससे पता चलता है कि आज भी कुछ लोग सच, स्वतंत्रता और इंसाफ के लिए न सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करते हैं बल्कि मूल आदर्शों के लिए त्याग भी करते हैं।' अपने ब्लॉग में उन्होंने बगैर नाम लिए कुछ ब्यूरोक्रैट्स जिन्होंने इस्तीफा दिया है और सच दिखाने वाले मीडियाकर्मियों की भी तारीफ की।

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