दो साल में हर घर तक पाइप लाइन से पहुंचेगा पानी: योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार मदद करे तो अगले दो साल में हम हर गांव और हर घर तक पाइप लाइन के जरिए पानी पहुंचा देंगे।
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार मदद करे तो अगले दो साल में हम हर गांव और हर घर तक पाइप लाइन के जरिए पानी पहुंचा देंगे।
प्रदेश सरकार इस पर चरणबद्ध तरीके से कार्य शुरू भी कर चुकी है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को लोकभवन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के साथ उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग की।
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आर्सेनिक प्रभावित जिलों को चुना गया
इस दौरान उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को पाइप पेय जल परियोजना, जल संरक्षण और गंगा एवं उसकी सहायक नदियों की सफाई एवं उनके पुनरोद्धार को लेकर निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के लिए पेयजल की समस्या से जूझ रहे प्रदेश के इलाकों को 4 भागों में बांटा गया है। पहले चरण में बुन्देलखंड के जिले, दूसरे चरण में विंध्याचल के जिले, तीसरे चरण में जेई और एईएस से प्रभावित पूर्वांचल के जिले और चौथे चरण के तहत गंगा और यमुना बेसिन के आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित जिलों को चुना गया है।
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डीपीआर किया जा चुका है तैयार
उन्होंने कहा कि पहले और दूसरे चरण के लिए क्रमश: 9 हजार करोड़ और 6700 करोड़ रुपये का डीपीआर भी तैयार कर लिया गया है। भारत सरकार से धनराशि मिलते ही इस पर कार्य शुरू हो जाएगा।
जल संरक्षण के विषय में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के तालाब जल संरक्षण के सबसे सहायक माध्यम है। खेत तालाब योजना के जरिए प्रदेश ने बढ़िया ने काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के लोग तालाबों को नावदान न बनाएं। संबंधित जिले के जिलाधिकारी तलाबों की सफाई के लिए एक अभियान चलाएं।
माटी कला बोर्ड में कुम्हारों को अप्रैल से लेकर जून तक नि:शुल्क मिट्टी देने की जो व्यवस्था की गई है, उससे भी तालाबों के संरक्षण में मदद मिलेगी।
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धनराशि की जवाबदेही तय की जाए
प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल की व्यवस्था और हैंडपंप की मरम्मत के लिए ग्राम पंचायतों को राज्य सरकार से मिलने वाली धनराशि की जवाबदेही तय की जाए, ग्राम पंचायत और मनरेगा की थोड़ी सी धनराशि का उपयोग कर सिंचाई और जानवरों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों में की जा सकती है और जल संरक्षण, पाइप पेय जल योजना एवं पेयजल की सभी स्कीम्स को अच्छे ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि पानी की एक बूंद भी बर्बाद न हो इसके लिए जनभागीदारी सुनिश्चित कर इस योजना को जनआंदोलन बनाया जाए।
नमामि गंगे परियोजना के कार्य की सुस्त गति पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मुझे एक ही काम बार-बार कहना पसंद नहीं है।
गंगा के किनारे जो भी 25 जिले हैं, वहां के जिलाधिकारी कार्य योजना बनाकर ईमानदारी से इस पर अमल करें। निर्णय लेने की आदत डालें, जो निर्णय नहीं ले सकता है उसे फील्ड में रहने की कोई जरूरत नहीं है।
नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा के दौरान जल निगम के लगभग हर कार्य की शिकायत सुनकर मुख्यमंत्री खासे नाराज हुए और कहा कि जो लोग अधूरे कार्यों की लिए जिम्मेदार हों उनके खिलाफ एफआईआर करवाएं, जेल भेजें और उनकी सम्पत्ति ईडी के सुपुर्द कर दें। उन्होंने कहा कि बेहतर हो कि जल निगम के कार्य को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बांट दें।
गंगा देश के 121 करोड़ लोगों के आस्था का सवाल
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने स्वच्छ भारत अभियान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि दो वर्षों में योगी जी ने जिस ढंग से इस अभियान को प्रदेश में चलाया है, वह अभिनंदनीय है। उन्होंने आगे कहा कि गंगा सिर्फ पांच राज्यों का मसला नहीं है। गंगा देश के 121 करोड़ लोगों के आस्था का सवाल है।
यह सही है कि अब तक अपेक्षा के अनुरूप कार्य नहीं हुआ है, इसके कारण जो भी गैप आया है, उसे पूरा करने के लिए तेजी से काम करना होगा। मुख्य सचिव हर प्रोजेक्ट के अनुसार उसके पूरा होने की समय सीमा तय करें, उसको केंद्र के अधिकारियों के साथ साझा करें। काम समय सीमा के अनुसार हो रहा है कि नहीं इसकी लगातार निगरानी सुनिश्चित कराएं।
बैठक में मुख्यमंत्री के साथ नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, ग्राम्य विकास मंत्री महेन्द्र सिंह और मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पाण्डेय के साथ केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी
जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पत्रकारों को बुधवार को हुई बैठक के विषय में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान की तर्ज पर 22 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा शुरू किए गए जल जीवन मिशन को भी सफल बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गंगा का बहाव क्षेत्र सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में है, इसलिए गंगा की स्वच्छता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी यहां के नागरिकों की बनती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार नये तैयार होने वाले सरकारी भवनों में वर्षा जल के संचयन की व्यवस्था बनाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि घर से निकलने वाले वाटर वेस्ट दोबारा इस्तेमाल करने की कार्य योजना तैयार की जा रही है।