युवा वैज्ञानिकों ने तैयार की इतनी सस्ती जांच किट, फटाफट देगी कोरोना की रिपोर्ट

देश के युवा वैज्ञानिकों की टीम ने एक ऐसी जांच किट तैयार की है जो काफी सस्ती भी है और बहुत जल्दी कोरोना वायरस की पहचान करके रिपोर्ट देने में सक्षम है।

Update: 2020-05-04 18:26 GMT

नई दिल्ली: देश के युवा वैज्ञानिकों की टीम ने एक ऐसी जांच किट तैयार की है जो काफी सस्ती भी है और बहुत जल्दी कोरोना वायरस की पहचान करके रिपोर्ट देने में सक्षम है। यह जांच किट विज्ञान एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) से संबंद्ध जीसीसी बायोटेक (इंडिया) कंपनी ने तैयार की है। इस किट के जरिए कोरोना महामारी के वायरस सार्स कोव-2 के आरएनए (राइबो न्यूक्लिक एसिड) की जांच करने में मदद मिलेगी।

आईसीएमआर से मिली मंजूरी

कंपनी के प्रवक्ता एवं अनुसंधान एवं विकास विभाग के प्रमुख डॉ अविजीत घोष ने बताया कि इस जांच किट को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से मंजूरी भी मिल गई है। इस किट का नाम डीआईएजीस्योर एन कोव-19 रखा गया है।

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जांच किट की कीमत मात्र 500 रुपए

डॉ. घोष ने दावा किया कि यह किट संभवत: देश में कोविड-19 की जांच के लिए सबसे सस्ती किट है। उन्होंने कहा कि इसकी कीमत मात्र 500 रुपए है और इसके जरिए 90 मिनट मैं वायरस की जांच की जा सकती है। इसके साथ ही इस किट की गुणवत्ता भी काफी बेहतर है।

विदेशी जांच किट की रिपोर्ट में गड़बड़ी

भारतीय युवा वैज्ञानिकों के इस काम को बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है क्योंकि देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में टेस्टिंग किट की समस्या आड़े आ रही है। चीन से मंगाई गई जांच किट की रिपोर्ट कई मामलों में गड़बड़ पाए जाने के बाद कई राज्यों ने इसका इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया था। उसके बाद आईसीएमआर ने भी चीन की किट्स से जांच पर रोक लगाते हुए इसे खारिज कर दिया था। इस नजरिए से यह जांच किट भारत के लिए काफी मददगार साबित हो सकती है।

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कोरोना की जांच में आएगी तेजी

जानकारों का कहना है कि इस किट के विकास से देश में कोरोना की जांच की रफ्तार में तेजी लाने में काफी मदद मिलेगी। इस किट को बनाने में विश्व स्वास्थ संगठन और अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पूरा ख्याल रखा गया है। यही कारण है कि इस जांच किट की गुणवत्ता को बेहतर माना जा रहा है।

बढ़ गई थी स्वदेशी जांच किट की जरूरत

डॉ. घोष ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी लागू होने के कारण कोरोना की जांच किट का आयात करना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। इसके साथ ही विदेश से आने वाली जांच किटों की रिपोर्ट को लेकर भी तमाम शिकायतें हैं। इस कारण देश में कोरोना की जांच में तेजी लाने के लिए स्वदेशी जांच किट विकसित करने की जरूरत बढ़ गई थी। इस किट की मदद से जांच में तेजी लाई जा सकेगी। इसकी रिपोर्ट भी जल्दी मिल जाएगी और इस कारण सरकार और प्रशासन को कोरोना की रफ्तार रोकने में काफी मदद मिलेगी।

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दो महीने की मेहनत का नतीजा

डॉक्टर घोष ने कहा कि इस किट को बनाने में देश के युवा वैज्ञानिकों की टीम ने दो महीने तक कठोर परिश्रम किया है। उन्होंने कहा कि कंपनी की एक महीने में करीब एक करोड़ जांच किट तैयार करने की क्षमता है और इससे देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जीतने की जमीन तैयार होगी।

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