कभी राधा बनकर सुर्खियों में आने वाले डीके पांडा अब कर रहे हैं ये काम

Update:2019-08-23 15:33 IST

लखनऊ: 23 अगस्त को देशभर में जन्माष्टमी मनाई जा रही है। आज हम आपको एक ऐसे ही कृष्ण भक्त के बारे में बताने जा रहे है, जो आईपीएस सेवा में रहते हुए रातों रात 'राधा' बन चर्चाओं में आये थे।

बता दें कि अब ये पूर्व आईपीएस शरीर पर साड़ी, मांग में सिंदूर, चूड़ि‍यां, कान में बाली और नाक में नथुनी नहीं पहनते। अब ये कृष्णानंद बाबा बनकर श्रीकृष्ण की भक्ति में तल्लीन हो गए है।

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कौन है डीके पांडा?

डीके पांडा 1971 बैच के आईपीएस अफसर रहे हैं और मूलत: उड़ीसा के रहने वाले हैं। कभी दूसरी राधा के नाम से सुर्खियां बटोरने वाले पूर्व आईजी डीके पंडा ने स्वामी कृष्णानन्द का रूप धारण कर लिया हैं।

अब वह राधा के रूप में नाचते-गाते नहीं, बल्कि पीत वस्त्र में बाबा बनकर श्रीकृष्ण की भक्ति कर रहे हैं। पांडा के साथ उन का परिवार नहीं रहता। वह एक सामान्य कृष्ण भक्त की तरह घरेलू दिनचर्या पूरा करते हैं और साइकिल से बाजार जाते हैं।

डीके पांडा के साथ काम करने वाले लोग बताते है कि बात 1991 की है, उस समय जन्‍माष्‍टमी करीब थी। एक रात भगवान कृष्‍ण पांडा के सपने में आए। वो तभी से घर पर कभी-कभी राधा का रूप धारण करने लगे थे।

शरीर पर साड़ी, मांग में सिंदूर, चूड़ि‍यां, कान में बाली और नाक में नथुनी भी पहनते थे। उनके इस रूप को देखकर सभी डर जाते थे। पहले ऐसा महीने में 1-2 बार ही होता था, लेकिन समय के साथ यह अक्‍सर होने लगा और 2005 में ये सार्वजनिक रूप से राधा रूप में सबके सामने आ गए।

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हर मिलने वाले से बोलते है जय श्री कृष्ण

स्वामी कृष्णानंद बने आईजी पंडा पीले वस्त्र धारण करके सामान्य कृष्ण भक्तों की तरह जी रहे हैं। जिन्हें अब देखकर यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता की यह वही आईजी पंडा है जो खुद को कृष्ण कन्हैया की राधा बताते थे।

आज पंडा राहगीरों से जय श्री कृष्ण बोलते हैं। संतों की तरह आशीर्वाद देते हैं। जानकारी के अनुसार आई जी पंडा ने अपना श्रृंगार बंद कर दिया है। वह पुरुषों की तरह अपने बाल छोटे करवा लिए हैं।

कृष्ण ने किया मेरा पाणिग्रहण

अब वह कहते हैं कि भगवान ने मेरा पाणिग्रहण किया है। और अपना एक अन्य स्वरूप कृष्णप्रिया का भी बताते हैं। आई जी पंडा का कहना है की यह सब भगवान के आदेश के अनुसार हो रहा है।

आई जी पांडा ने कहा कि अब उन्हें किसी भी तरह किसी भी त्योहार पर कोई अन्य स्वरूप धारण करने की जरूरत नहीं है। कहते हुई की भगवान कृष्ण से मेरे आत्मिक संबंध हो चुके है। अब मुझे अलग से कुछ करने की जरूरत नहीं है।

परिवार ने भी तोड़ा नाता, पत्नी ने किया था केस

पांडा की पत्नी ने साल 2009 में गुजारा भत्ता के लिए उन पर केस भी किया था। इसके बाद कोर्ट ने पांडा को पत्नी को संपत्ति का हिस्सा और गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। इनके दो बेटे हैं।

पांडा की मानें तो दोनों बेटे उनकी कृष्ण भक्ति को समझते हैं, लेकिन सार्वजनिक रूप से परिवार ने इनसे दूरियां बना ली हैं। बाद में आईजी ने खुद को राधा के बजाय मोहन का अवतार भी बताया था।

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पांडा के सरकारी घर को लोग मानते थे मनहूस

लखनऊ के गोमतीनगर स्थित विभूति खंड पुलिस एन्लेैच व के फ्लैट नंबर 2/5 में कोई पुलिस अफसर नहीं रहना चाहता था। वे मानते थे कि यह फ्लैट 'मनहूस' है।

यह वही फ्लैट है, जिसमें 'दूसरी राधा' बने आईजी देवेंद्र पांडा रहते थे। बाद में इसमें आईपीएस अधिकारी राम कुमार चतुर्वेदी रहने आए। जब उन्हें सस्पेंड किया गया, तो लोगों ने इस घर के मनहूस होने की बात उठाई।

कभी बताते थे खुद को राधा

स्वामी कृष्णानंद बने पांडा अब पीले सलवार कुर्ते में दिख रहे हैं। किसी जमाने में वो राधा बनकर कृष्ण की भक्ति में लीन दिखते थे। वो खुद को कृष्ण की राधा बताते नहीं थकते थे। वो राधा की तरह कृष्ण प्रेम में नाचते थे। अपने ऑफिस भी राधा के भेष में जाते थे।

वहीं आजकल उन्होंने मिलने वालों से जय श्री कृष्णा बोलते हैं। बाबाओं की तरह वो लोगों को आशीर्वाद देते हुए दिखते हैं। उन्होंने बताया कि करीब चार साल से दूसरी राधा का श्रृंगार बंद कर रखा है। अब बाल भी पुरूषों की तरह छोटे करवा लिए हैं।

वो कहते हैं कि भगवान ने मेरा पाणिग्रहण किया है, अब मेरा नया और यू दूसरा रूप भी कृष्ण को प्रिय ही है। जो भी हो रहा है वो सब भगवान के आदेश से ही हो रहा है। वो कहते हैं कि उनका भगवान से आत्मिक संबंध हो गया है।

2005 में आए सामने

2005 में आईजी डीके पांडा सार्वजनिक रूप से राधा बनकर सबके सामने आए। इसके बाद पांडा की पत्नी वीणा पांडा ने साल 2009 में गुजारा भत्ता मांगने के लिए उनपर केस भी किया था।

इसके बाद कोर्ट ने पांडा को अपनी पत्नी को संपत्ति का हिस्सा और गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। पांडा को 10 हजार रूपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था।

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