Orissa Day : उत्कल दिवस समारोह में उड़ीसा की संस्कृति और व्यंजनों ने बिखेरा रंग

Orissa Day 2023: उत्कल दिवस पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं पारंपरिक भोजन मेला ने सभी उड़िया समाज के लोगों को अपनी संस्कृति,कला, पारंपरिक भोजन एवं मिट्टी की याद दिला दी ।

Update:2023-04-02 18:43 IST
उत्कल दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम (Photo: Social Media)

Orissa Day: उत्कल दिवस अर्थात उड़ीसा दिवस के उपलक्ष्य में उड़िया समाज द्वारा उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति हुई। साथ में उड़ीसा व्यंजन महोत्सव में उड़िया लोगों ने उड़िशा के पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ़ उठाया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती बनज देवी, उड़ीसा की लेखिका एवं कवयित्री ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत् प्रारंभ करा।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए वह सभी को उत्कल दिवस की शुभकामनाएं देती है । वह कहती है “उड़ीसा के ढेरों लोग अपने राज्य से अलग रहकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं । एक साथ इतने सारे उड़िया लोगों को अपने प्रदेश से अलग लखनऊ में देखकर गौरव और हर्ष महसूस होता है । अपने गांव से दूर रहकर भी यहाँ इतने उड़िया लोगों को देख कर एक परिवार जैसा महसूस होता है । लखनऊ में रह रहे सभी उड़िया लोग मिलजुल कर रही है और हर्षोल्लास से सभी त्यौहार मनाते रहे ।”

सांस्कृतिक कार्यक्रम की पेशकश

पधमश्री डॉ तरुण मोहनती और उनके साथियों ने पारंपरिक वेशभूषा में उड़िया नृत्य बखूबी पेश किया । डॉ तरुण मोहनती और उनके साथियों ने अपने नृत्य से उड़ीसा की संस्कृति को भलीभाँति दर्शाया । उड़िया नृत्य ने सभी उड़िया समाज के लोगों को अपनी संस्कृति और माटी की याद दिला दी।

उड़िया व्यंजन महोत्सव

उत्कल दिवस के अवसर पर उड़िया नृत्य के साथ ही उड़ीसा समाज के सदस्यों ने पारंपरिक उड़िया भोजन जैसे- डालमा, माछो पकोड़ा, आलू चाप, दही वडा, बोरा अर्रिशा पीठा, माछा पटूडी आदि की पेशकश करी। पारम्परिक व्यंजनों का सभी ने लुत्फ़ उठाया। अपने राज्य से दूर सभी उड़िया समाज के सदस्यों ने बखूबी उत्कल दिवस का आयोजन किया । इस आयोजन को देख कर सभी को अपनी संस्कृति, रीती रिवाज, पारंपरिक भोजन और गांव की मिट्टी की याद आ गई।

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