कोविड- 19; कारगर साबित हो रही क्लस्टर  रणनीति, प्रधानों को सौंपी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लम्बे विचार विमर्श के बाद उतर प्रदेश के 15 जिलों लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, सीतापुर, कानपुर, आगरा, फिरोजाबाद, बरेली, मेरठ, शामली, सहारनपुर , बुलंदशहर, वाराणसी, महाराजगंज और बस्ती के चिन्हित क्लस्टरों को को 15 अप्रैल तक के लिए सील करने के आदेश दे दिए हैं।

Update:2020-04-09 15:58 IST

डा. श्रीकांत श्रीवास्तव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लम्बे विचार विमर्श के बाद उतर प्रदेश के 15 जिलों लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, सीतापुर, कानपुर, आगरा, फिरोजाबाद, बरेली, मेरठ, शामली, सहारनपुर , बुलंदशहर, वाराणसी, महाराजगंज और बस्ती के चिन्हित क्लस्टरों को को 15 अप्रैल तक के लिए सील करने के आदेश दे दिए हैं। क्योंकि करोना वायरस की अभी कोई दवा या टीका नहीं मिल सका है इसलिये लाकडाउन और सामाजिक दूरी बनाना ही इससे निपटने का एक मात्र कारगर उपाय साबित हुआ है।

दुनिया के जिन देशों ने लाकडाउन और सामाजिक दूरी के सिद्दान्त का पालन किया उन्होंने महामारी पर सफलता हासिल की ।हमारे देश में पहला क्लस्टर केस आगरा में पाया गया था ।यहां के एक ही परिवार के 6 लोग करोना संक्रमित पाये गये ।इस परिवार के दो लोग जो कि जूते के कारोबारी थे शू फेयर में हिस्सा लेने के लिया इटली गये थे। बाद में वे लौटकर जब आगरा आये तो उन्होंने वहीं एक होटल में पार्टी दी जिसमें करीब एक दर्जन लोगो ने हिस्सा लिया ।

स्वास्थ्य विभाग ने इनमें करोना के लक्षण पाये जाने पर इनकी जांच करायी। जिला अस्पताल ने 2 मार्च को 13 लोगों की जांच के सैंपल लखनऊ भेजे थे जिसमें से 6 की रिपोर्ट पाज़िटिव आयी पाजिटिव रिपोर्ट आने के बाद इन सभी मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली भेज दिया गया था और परिवार के सदस्यों को आइसोलेशन में रखा गया था ।

दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल में इनका इलाज किया गया और ये सभी ठीक भी हो गये । बाद में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 29 मार्च को अपने लोकप्रिय रेडिया कार्यक्रम मन की बात में करोना को मात देने वाले आगरा के कारोबारी के साथ बातचीत भी की थी ।

आगरा का अशोक कपूर केस बना नजीर, बन गई रणनीति

73 वर्षीय श्री अशोक कपूर ने प्रधानमंत्री के साथ आपबीती साझा करते हुए कहा था कि उन्होंने डाक्टरों द्वारा बताये गये नियमों का पालन किया और आइसोलेशन में रहे। बाद में उन्हें स्वस्थ घोषित कर अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। आगरा की इस घटना को लेकर जिला प्रशासन ने जो रणनीति बनायी वह काफी महत्वपूर्ण है। जिला प्रशासन ने सबसे पहले उन स्थानों को चिन्हित किया जहां पर करोना वायरस से संक्रमित अथवा इनके सम्पर्क में आये लोगों का सम्बन्ध था । ऐसे क्लस्टरों वाले 3 किमीं के दायरे को पूरी तरीके से सील करके घर घर जाकर सर्वे कराया गया।

सर्वे के तहत इस बात का बात पूरा प्रयास किया गया कि वहां रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के साथ बातचीत की जाये और पता किया जाये कि क्या उनमें से कोई विदेश से तो नहीं लौटा है या विदेश से लौटे व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आया है । इन जगहों की मापिंग करायी गयी। कपूर परिवार के बच्चे जिस स्कूल में पढने जाते थे वहां पर भी टीम ने जाकर संपर्क किया और सर्वे किया। आगरा के मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मुकेश कुमार वत्स ने बताया कि नगर निगम और फायर ब्रिगेढ की मदद से क्लस्टर अप्रोच के तहत सेनेटाइजेशन का भी काम कराया गया।

175 आइसोलेशन वार्ड

प्रशासन की ओर से लोगों में करोना वायरस को लेकर जागरुकता लाने का प्रयास किया गया और समय पर सही सूचना दी गयी। लोगों की जागरुकता और सरकार के प्रयासों के कारण आगरा का यह क्लस्टर अप्रोच अपने उद्देश्यों में काफी सफल रहा। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि तैयारियों के क्रम में यहां पर मेडिकल कालेज सहित विभिन्न अस्पतालों में 175 आइसोलेशन वार्ड बना लिये गये है और आवश्यक स्टाफ तथा दवाइयां मौजूद है।

आगरा का यह क्लस्टर अप्रोच लगभग राजस्थान के भीलवाड़ा क्लस्टर अप्रोच जैसा ही था ।जिन क्लस्टरों को सील किया गया था वहां पर न तो बाहर का कोई व्यक्ति अंदर आ सकता था और नहीं अंदर का कोई व्यक्ति बाहर जा सकता था।

पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान मुखिया

उतर प्रदेश में पंचायतीराज विभाग की ओर से सर्वे कराने का काम किया शुरु किया गया है .विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोविड- 19 को वैश्विक महामारी का दर्जा देने के बाद भारत सरकार ने 25 मार्च 2020 को पूरे देश में लाकडाउन की घोषणा की थी।तभी से पंचायतीराज विभाग द्वारा ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में एक टीम बनाकर सर्वे का काम कराया जा रहा है. इस टीम में ग्राम विकास अधिकारी , एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्री भी शामिल होती है ।

ग्राम स्तर पर डाटा इक्टठा करने के लिए पंचायतीराज विभाग की ओर से एक आनलाईन डाटा कैप्चरिंग सिस्टम भी विकसित किया गया है . इसके लिए विभाग की वेबसाइट https://hamaripanchayat.up.gov.in/ पर कोविड- 19 नाम से एक नये वेबपेज को डिजाइन किया गया है। ब्लाक स्तर पर काम करने वाले आपरेटरों को एक टेम्पलेट दिया गया है .जिसमें सर्वे से सम्बन्धित डाटा भरे जाते है।

सर्वे के जरिये कोरोना प्रभावितों तक पहुंचने की रणनीति

लाकडाउन के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों को वापस लौटे थे जिनमें से कई को चिन्हित करेक क्वारनटीन किया गया औऱ उनकी जांच करायी गयी लेकिन कई एसे भी रहे जो पकड़ में नहीं आये। इससे भी ज्यादा यह रहा कि दिल्ली में निजामुददीन की एक जमात से भी निकलकर कई लोग देश के विभिन्न हिस्सों में चले गये । सर्वे के जरिये उन तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।

गौरतलब है कि जमीनी स्तर पर किये जा रहे सर्वे के ये आंकड़े मुख्यमंत्री के स्तर तक भी देखे जा सकते है।सर्वे के इन आंकड़ों के आधार पर विभिन्न विश्लेषणों को उजागर करते हुए एक डैशबोर्ड भी बनाया गया है.यह डैशबोर्ड panchayatiraj.up.nic.in पर उपलब्ध है । इस डैशबोर्ड तक पहुंचने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड बनाये गये है। इस सर्वे रिपोर्ट की मदद से जहां सरकार को एक ओर वस्तु स्थिति को जानने में मदद मिल रही है वही दूसरी ओर करोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में नई रणनीति भी बनाने में सहायता मिल रही है.

उतर प्रदेश में ग्राम पंचायतो के जरिये साफ सफाई पर भी विशेष रुप से ध्यान दिया जा रहा है। यह स्वच्छता अभियान करोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बना रहा है .ग्राम प्रधानों को इसका मुखिया नामित किया गया है. सचिव और दूसरे सरकारी कार्यकर्ता अभियान में उसकी मदद कर रहे है। इस अभियान की समीक्षा तकनीक के ज़रिये ब्लाक ,ज़िला और राज्य के स्तर पर की जा रही है।

खादी के मास्क मुफ्त देने की योजना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उतर प्रदेश करोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ाई लड़ रहा है ।यह सत्य है कि अगर आगरा जैसे क्लस्टर अप्रोच सफलतापूर्व अपनाये गये तो जल्द ही करोना की महामारी पर काबू पाया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने एक विशेष पहल के तहत खादी के कपड़ों का मास्क बनाने की कवायद शुरु की है। यह मास्क जहां एक ओर लोगों को काफी रियायती दरों पर मिलेगें वही दूसरी ओर गरीब तबके के लोगों को इन्हें मुफ्त देने की योजना है। मास्क के इस्तेमाल पर डाक्टरो का विशेष रुप से जोर रहा है ।

संकोच दूर किये जाने की जरूरत

मुख्यमंत्री बराबर लोगों के संपर्क में है और जनसहयोग की अपेक्षा कर रहे है। 15 जिलों में जिस तरीके से क्लस्टरो की पहचान करके उन्हें सील किया गया है और उनकी मापिंग करायी जा रही है उससे काफी उम्मीदे है निश्चित रुप से यह प्रयास कारगर साबित होगा और संक्रमित लोगों की पहचान तथा उनके इलाज से महामारी को काबू करने में मदद होगी । लोगों के बीच करोना वायरस को लेकर जो संकोच है उसे भी दूर किया जाना चाहिये ।

करोना वायरस का संक्रमण कभी भी किसी को भी हो सकता है , इसलिये स्टिगमा से मुक्त होने की आवश्यकता है। यह एक संतोष का विषय है कि इस महामारी को लेकर लोगों में जागरुकता आयी है। बड़ी संख्या में धर्मगुरुओं तथा समाज के प्रभावशाली लोगों ने अपीले जारी कर लोगों से लाकडाउन का पालन करने को कहा है। उम्मीद है जल्द ही उतर प्रदेश सहित पूरा भारत करोना के खिलाफ लड़ाई को जीत लेगा।

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