मितरों! इन 6 नेताओं के लिए कभी ख़ुशी कभी गम वाला रहा जाता हुआ साल
जाते हुए साल ने देश में कई नेताओं की छवि को जहां और अधिक मजबूत किया। वहीं कुछ को उनके जीवन का सबसे बुरा समय भी दिखा दिया। हम आपको बताते हैं उन 6 नेताओं का हाल जो रहे साल भर चर्चा में।
लखनऊ : जाते हुए साल ने देश में कई नेताओं की छवि को जहां और अधिक मजबूत किया। वहीं कुछ को उनके जीवन का सबसे बुरा समय भी दिखा दिया। हम आपको बताते हैं उन 6 नेताओं का हाल जो रहे साल भर चर्चा में।
ग्लोबल लीडर
पीएम नरेंद्र ने दुनिया के अलग अलग देशों का दौरा किया और वहां के पीएम और प्रेसिडेंट से मुलाकात कर अपनी ग्लोबल लीडर की छवि को और अधिक मजबूत किया। दुनिया ने उन्हें क्लाइमेट चेंज को लेकर काम करने वाले प्रमुख नेता के रूप में पहचाना। जाता हुआ साल उन्हें विधानसभा चुनावों का भले ही गम दे गया हो। लेकिन मोदी आगामी वर्ष में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
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कांग्रेस को मिला ज्योतिरादित्य के रूप में किंग मेकर
मध्य प्रदेश में चुनाव के दौरान से ही ज्योतिरादित्य माधव राव सिंधिया सीएम का दावेदार माना जाता रहा। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष ने कमलनाथ को सीएम बना दिया। इससे ज्योतिरादित्य की छवि कमजोर नहीं हुई, बल्कि वो किंग मेकर बन कर सामने आए। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके समर्थन से जीते अधिकांश विधायकों को सरकार में हिस्सेदारी मिल रही है। इससे उनका कद प्रदेश की राजनीति में बढ़ा है।
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राहुल गांधी द हीरो
राहुल गांधी ने इस वर्ष की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में की। बीते चार वर्षो में भी पार्टी ने सत्ताधारी बीजेपी को सीधे लड़ाई में मात नहीं दी थी। लेकिन जाते हुए साल ने कांग्रेस की झोली में छत्तीसगढ़, राजस्थान के साथ मध्य प्रदेश डाल राहुल को देश के अंदर बड़ा नेता बना दिया। इससे इलाकाई दलों में भी उनकी और कांग्रेस की छवि मजबूत हुई है। इसका फायदा लोकसभा में राहुल उठा पाते हैं या नहीं ये तो अगला साल बताएगा।
फिलहाल राहुल ने बीजेपी को उसके ही मूल मुद्दों राष्ट्रवाद पर जमकर घेरा हुआ है। राहुल ने राफेल सौदे पर नरेंद्र मोदी पर निशाना साध उनकी इस छवि को तोड़ने की कोशिश की है।
उन्होंने कांग्रेस के अंदर संगठनात्मक मुद्दों को सुलझाया और कांग्रेस समिति में अनुभव और युवाओं को समायोजन कर प्रभावशाली तरीके से बदलाव लाया। पार्टी अध्यक्ष के नाते, राहुल ने सोनिया गांधी के मुकाबले ज्यादा विस्तृत और निरंतर चुनाव अभियान चलाया।
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सुषमा स्वराज
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्विटर को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया और दुनियाभर में कहीं भी फंसे भारतीयों के लिए देवदूत का काम किया। इससे उनकी छवि मुखर नेता से बदल ममतामयी बहन और मां सरीखी भी बन गई। सिर्फ इतना ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय मंचों से उन्होंने दुश्मनों को कड़ा संदेश भी दिया।
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लालू यादव
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के लिए ये साल दुश्वारी भरा रहा। जहां सत्ता हाथ से फिसली। वहीं जेल यात्रा भी करनी पड़ी। बेटे की शादी से जहां परिवार में खुशियां आईं वहीं तलाक विवाद ने परिवार के साथ ही पार्टी में भी दीवार खड़ी हो गई।
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शिवपाल यादव
सपा संरक्षक मुलायम सिंह के अनुज के लिए ये साल जब आया तब टेंशन लेकर आया। लेकिन जाते जाते उन्हें सपा का विकल्प बना विदा हो रहा है। आज शिवपाल अपनी पार्टी के साथ सूबे में अपनी जमीन तलाश रहे हैं। उन्हें इस बात का भी गम नहीं होगा कि भतीजे ने उनकी जमीन खीँच ली है, क्योंकि उनकी पार्टी में कई बड़े चेहरे सपा के ही हैं जो उनके साथ मजबूत कर रहे हैं।
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