रंग बदलने से विकास नहीं होता, विकास से रंग बदलता है
भाजपा सरकार को यह समझना चाहिए कि रंग बदलने से विकास नहीं होता है, विकास होने से ही राज्य का रंग बदलता है, तब जनता का मन भी बदलता है। समाजवादी सरकार ने मेट्रो रेल,
लखनऊ: भाजपा सरकार को यह समझना चाहिए कि रंग बदलने से विकास नहीं होता है, विकास होने से ही राज्य का रंग बदलता है, तब जनता का मन भी बदलता है। समाजवादी सरकार ने मेट्रो रेल, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, जनेश्वर मिश्र पार्क और गोमती रिवरफ्रंट के जरिए जनता को विकास के नए रंगों से परिचय कराया था जो जनता के मन में बस गए हैं। भाजपा खुद कुछ करने के बजाय समाजवादी सरकार के कामों को बदनाम करने और जांच के नाम पर अच्छे काम रोकने के अलावा कुछ नहीं कर रही है। भाजपा को जनता अब अपना रंग सन् 2019 के चुनावों में दिखाएगी।
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अखिलेश यादव ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि पिछली सरकार में जिन जनकल्याणकारी कामों की शुरूआत की गई थी। उनको आगे बढ़ाने या अपना कोई उल्लेखनीय काम दिखाने के बजाय भाजपा सरकार प्रदेश में पहले रोडवेज बसों का रंग बदलने में लग गई, उससे भी जी नहीं भरा तो अब सचिवालय एनेक्सी का रंग भी बदलने में दिनरात एक किए हुए है। भाजपा को समझना चाहिए कि इमारतों का रंग बदलने से राज्य नहीं बदलता है। भाजपा ने अपने गलत कामों से प्रदेश को बदरंग कर दिया है।
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भाजपा पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि इधर जो रंग बदले हैं उससे जनता को उसके नए-नए रूप देखने-परखने का सुनहरा अवसर अवश्य मिल रहा है। उसका रवैया पूरी तरह बदले की भावना से भरा है। भाजपा ने पहले एम्बूलेंस सेवा 108 और 102 तथा गरीब महिलाओं के लिए पेंशन से ‘समाजवादी‘ शब्द हटाने का काम किया। कलाकारों, लेखकों, तथा पत्रकारों को दी जाने वाली यशभारती पेंशन रोक दी और हिन्दी, उर्दू तथा संस्कृत के विद्वानों को दिए जानेवाले पुरस्कारों के बंटने में भी रोड़े अटका दिए।