मजदूरों से पैसा लेने पर अखिलेश नाराज: कहा- BJP अमीरों के साथ, गरीबों के खिलाफ
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता अखिलेश यादव ने लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों की ट्रेन से वापसी पर टिकट के पैसे लिए जाने को शर्मनाक बताते हुए केंद्र और राज्य सरकार को घेरा।
लखनऊ: कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन में फंसे कई मजदूर अब केंद्र की नई गाइडलाइन के बाद अपने घर वापसी कर पा रहे हैं। उनके लिए स्पेशल ट्रेने चलवाई गयी हैं लेकिन इसे लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भाजपा पर हमलावर होते हुए सरकार की तुलना सूदखोरों से कर डाली।
अखिलेश ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना
दरअसल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता अखिलेश यादव ने लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों की ट्रेन से वापसी पर टिकट के पैसे लिए जाने को शर्मनाक बताते हुए केंद्र और राज्य सरकार को घेरा।
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मजदूरों से ट्रेन के पैसे लेने पर जताई नाराजगी
अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा, 'ट्रेन से वापस घर ले जाए जा रहे गरीब, बेबस मज़दूरों से भाजपा सरकार द्वारा पैसे लिए जाने की ख़बर बेहद शर्मनाक है। आज साफ़ हो गया है कि पूँजीपतियों का अरबों माफ़ करनेवाली भाजपा अमीरों के साथ है और गरीबों के ख़िलाफ़। विपत्ति के समय शोषण करना सूदखोरों का काम होता है, सरकार का नहीं।'
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कोविद केयर फंड और आरोग्य सेतू ऐप पर उठाये सवाल
इसके अलावा अखिलेश ने आरोग्य सेतू ऐप और कोविद केयर फंड पर भी सवाल उठाये। एक अन्य ट्वीट में अखिलेश ने लिखा, 'अब तो भाजपा के आहत समर्थक भी ये सोच रहे हैं कि अगर समाज के सबसे ग़रीब तबके से भी घर भेजने के लिए सरकार को पैसे लेने थे तो PM Cares Fund में जो खरबों रुपया तमाम दबाव व भावनात्मक अपील करके डलवाया गया है उसका क्या होगा? अब तो आरोग्य सेतु एप से भी इस फंड में 100 रु वसूलने की ख़बर है।'
लॉकडाउन के बीच नासिक से लखनऊ आई ट्रेन, घर वापसी पर लोगों के खिले चेहरे
बता दें कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार करीब 6 स्पेशल ट्रेने चलाई गयी हैं, जो देश के अलग अलग राज्यों से मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाएंगी। ये ट्रेने सिर्फ लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए ही हैं, जिनका सरकार द्वारा पंजीयन होगा। इसी कड़ी में रविवार को महाराष्ट्र के नासिक से करीब 850 मजदूर स्पेशल ट्रेन से लखनऊ पहुंचे हैं। चारबाग रेलवे स्टेशन पर सभी की स्क्रीनिंग हुई, जिसके बाद उन्हें बसों के जरिये उनके जिलों तक भेजा गया। नासिक से लौटे मजदूरों को 14 दिनों तक क्वारंटीन किया जाएगा।
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