कांग्रेस ने पत्रकार की हत्या को बताया कानून-व्यवस्था के माथे पर कलंक, की जांच की मांग

कांग्रेस की नेता विधान मण्डल दल आराधना मिश्रा तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी हत्याकांड यूपी की कानून-व्यवस्था के माथे पर कलंक करार देते हुए मामलें की निष्पक्ष जांच उत्तर प्रदेश से अलग हटकर किसी ''स्वतंत्र एजेंसी'' से कराने की मांग की है।

Update: 2020-07-22 12:59 GMT

लखनऊ: कांग्रेस की नेता विधान मण्डल दल आराधना मिश्रा तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी हत्याकांड यूपी की कानून-व्यवस्था के माथे पर कलंक करार देते हुए मामलें की निष्पक्ष जांच उत्तर प्रदेश से अलग हटकर किसी ''स्वतंत्र एजेंसी'' से कराने की मांग की है। कांग्रेस नेताओं ने सरकार से यह भी मांग की है कि पत्रकार के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए तथा उसकी दोनों बेटियों को जब तक वे पढ़ना चाहें तब तक निशुल्क शिक्षा दिलायी जाए और दोनों पुत्रियों की सरकारी नौकरी सुनिश्चित की जाए।

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कांग्रेस नेताओं ने बुधवार को कहा कि आज प्रदेश में अपराधियों के हौसले किस तरह बुलन्द हैं कि पत्रकार ने छेंड़खानी की घटना की सूचना पुलिस चैकी में दी, उसके बाद भी उन लोगों ने कार्यक्रम में पहुंचकर बीच सड़क पर दो पुत्रियों के सामने उसे गोलियों से भून दिया। दो बेटियों के सामने पत्रकार पिता को निर्ममतापूर्वक गोलियों से भूना जाना हर किसी के आंख में आंसू ला देगा, कल्पना कीजिये उन दोनों पुत्रियों पर क्या गुजरी होगी? जिनके आंखों के सामने उनके पिता की नृशंस हत्या की गयी। आज सभी के जागने का और न्याय एवं इंसाफ की आवाज उठाने का समय है। प्रदेश की कानून व्यवस्था पर यह ''करारा तमाचा'' है।

नेता द्वय ने कहा है कि क्या यही मोदी और योगी का ''रामराज'' है । ''बेटी बचाओं- बेटी पढ़ाओं'' का नारा देने वाली भाजपा की केन्द्र और प्रदेश में सरकार होने के बावजूद भी एनसीआर में आने वाले गाजियाबाद में बींच सड़क पर एक पत्रकार को गोलियों से छलनी कर दिया गया तो शहर से दूर गांवों में बेटियों की क्या दुर्दशा होगी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।

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नेता द्वय ने कहा है कि लोकतन्त्र के ''चैथे स्तम्भ'' पत्रकार को निर्दयता व निर्ममतापूर्वक अराजक तत्वों द्वारा बींच सड़क पर जिस तरह गोलियों से भूना गया है वह घटना प्रदेश की गिरती हुई कानून व्यवस्था का स्वयं बयान करती है। अब समय आ गया है कि सभी लोग जागें, तथा कलम के सिपाही भी खड़े हों, और पत्रकार विक्रम जोशी को न्याय दिलायें ।

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