नागरिकता बिल पर असम से बंगाल तक उबाल, प्रदर्शन जारी, परीक्षाएं रद्द
लोकसभा से नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया है। इस बिल के खिलाफ असम से लकर पश्चिम बंगाल तक विरोध हो रहा है। नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (NESO) और ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (AASU) ने मंगलावर सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक 12 घंटे का बंद बुलाया हुआ है।
नई दिल्ली: लोकसभा से नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया है। इस बिल के खिलाफ असम से लकर पश्चिम बंगाल तक विरोध हो रहा है। नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (NESO) और ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (AASU) ने मंगलावर सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक 12 घंटे का बंद बुलाया हुआ है। NESO को कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है। इस वजह से गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और कॉटन यूनिवर्सिटी की परीक्षा रद्द कर दी गई है।
उत्तर पूर्व के लोगों का कहना है कि बाहर से आकर नागरिकता लेने वाले लोगों से उनकी पहचान और आजीविका को खतरा है। AASU और अन्य संगठन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। स्टूडेंट यूनियन के कार्यकर्ताओं ने रविवार शाम को शिवसागर की सड़कों पर नग्न होकर प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को हिरासत में ले लिया, तो वहीं नलबारी नगर में असम गण परिषद के तीन मंत्रियों के खिलाफ अलग-अलग स्थानों पर पोस्टर चिपकाए हैं।
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असम के अलावा त्रिपुरा में भी नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया है। बीजेपी की सहयोगी पार्टी इंडीजीनस पीपल फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) समेत कई आदिवासी समूहों ने नागरिक संशोधन विधेयक के खिलाफ बंद बुलाया जिसके चलते त्रिपुरा ट्राइबल एरिया ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (टीटीएएडीसी) के क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित रहा।
इसकी वजह से त्रिपुरा में सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुए और हजारों यात्री बीच रास्ते में फंसे रहे, क्योंकि बंद समर्थक कार्यकर्ताओं ने त्रिपुरा और देश के बाकी हिस्सों के बीच चलने वाले वाहनों और ट्रेनों को आगे जाने से रोक दिया। पुलिस ने कहा कि टीटीएएडीसी क्षेत्रों में कहीं से कोई बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं आई है।
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असम से होते हुए देश के शेष हिस्सों के साथ त्रिपुरा को जोड़ने वाली एकल रेल लाइन और हाईवे को बंद करने को लेकर पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। बंद के चलते त्रिपुरा यूनिवर्सिटी (केंद्रीय विश्वविद्यालय) और महाराजा बीर बिक्रम विश्वविद्यालय (त्रिपुरा सरकार के तहत) दोनों ही विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है।
इस बिल को लेकर उत्तर-पूर्व के लोगों के मन में कई सवाल खड़े रहे हैं। लेकिन अमित शाह ने संसद में मणिपुर को इनरलाइन परमिट (आईएलपी) के तहत लाने का ऐलान कर दिया है। अब इस तरह पूर्वोत्तर के तीन राज्य अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और मणिपुर पूरी तरह से नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के दायरे से बाहर हो गए हैं।
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नागालैंड (दीमापुर को छोड़कर जहां आईएलपी लागू नहीं है), मेघालय (शिलॉन्ग को छोड़कर) और त्रिपुरा (गैर आदिवासी इलाकों को छोड़कर जो संविधान की छठी अनुसूची में शामिल नहीं हैं) को नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के प्रावधानों से कमोबेश छूट मिली हुई है।
असम के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा
नागरिकता संशोधन बिल 2019 छठी अनुसूची के तहत आने वाले तीन आदिवासी इलाकों (बीटीसी, कर्बी-अंगलोंग और दीमा हसाओ) के अलावा असम के सभी हिस्सों पर लागू होगा। इन आदिवासी इलाकों पर स्वायत्त जिला परिषदों का शासन है।