आजम ने दी सलाह : मुसलमान गाय से जुड़े कारोबार से करे तौबा, जिंदगी ज्यादा कीमती

Update: 2017-04-12 10:45 GMT

रामपुर/लखनऊ : पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के फायर ब्रांड नेता आजम खान ने वीर सावरकर के गौहत्या के पक्ष में होने के सवाल पर कहा कि हमें इसकी जानकारी मीडिया से मिल रही है। लेकिन हम इसके विपरीत कह रहे हैं कि बाबर के जमाने में इस पर पूर्णतया प्रतिबंध था। पूर्व मंत्री ने कहा बहादुर शाह जफर के जमाने में गौहत्या, इंसान की हत्या करने के जुर्म के बराबर था। मोहम्मद अली जौहर गौहत्या के पक्ष में नहीं थे।

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उन्होंने कहा कि हमारा चरित्र यह रहा है कि हमारे हिन्दु धर्म के भाईयों की आस्था है और वह पूजा करते हैं उसका एहतराम होना चाहिए और हमेशा यह एहतराम किया गया। लेकिन अब हालात यह हैं कि गाय को छूने, देखने और मेाहब्बत करने में डर लगता है।

आजम ने कहा हमने गाय वापिस कर दी और तमाम मुसलमानों से अपील करते हैं, कि जो लोग गाय का दूध या अन्य वजह से कारोबार करते हैं वो इस कारोबार को छोड़ें, क्योंकि जिंदगी ज्यादा मोहतरम कीमती है। जिन्दा रहेंगे तो कोई भी कारोबार कर लेंगे। गाय को छुएं या करीब से भी न गुजरे पता नहीं कौन क्या कह दे।

इसके बाद हमने लखनऊ के कई मुस्लिम दूध कारोबारियों से बात की, और ये जानने का प्रयास किया कि क्या ऐसा कुछ वो भी सोचते हैं।

कलीम कहते हैं, कि हमारे अब्बा और उनके पहले उनके अब्बा भी गाय भैंस पालते आ रहे हैं। हमारे साथ कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि हमारे हिंदू भाइयों ने कभी हमें तंग किया हो। बाबरी-मंदिर विवाद के समय में भी हमें किसी ने परेशान नहीं किया। आजम जो कह रहे हैं वो सिर्फ उनपर लागू होता है, हम पहले भी गाय पालते रहे हैं और आगे भी पलेंगे।

रईस के दादा के समय से उनके घर में गाय पाली जाती रही हैं। सिर्फ इतना ही नहीं वो सिर्फ गाय ही पालते हैं, और उसका दूध बेचते हैं। उनका कहना है कि आजम सिर्फ चर्चा में रहना चाहते हैं। हमें उनसे कुछ लेना देना नहीं है। आपको बता दें, दीपावली के पहले गाय बछड़े की पूजा कर हिंदू महिलाएं अपने बेटे की लंबी उम्र की कामना करती हैं, रईस के दादा के समय से ही इलाके में उनके गाय बछड़े जाते रहे हैं।

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