जब रिजिजू ने बीफ खाने को लेकर दे दिया था ऐसा बयान, जमकर मचा था घमासान

किरण रिजिजू ने 2014 में सरकार में शामिल होने के बाद नॉर्थ ईस्ट के लोगों से जुड़ी समस्याओं पर सुझाव देने के लिए बेजबरुआ कमेटी बनाई थी। दिल्ली एनसीआर में नॉर्थ ईस्ट के लोगों के साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ भी रिजिजू ने आवाज उठाने का काम किया है।

Update: 2020-11-19 05:20 GMT
किरन रिजिजू चौदहवीं लोकसभा के लिए भी सांसद चुने गए थे।  रिजिजू को 2004 में अरुणाचल पश्चिम से लोकसभा का टिकट दिया गया था और इसी सीट से पहली बार सांसद बने थे।

नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री किरण रिजिजू का आज जन्मदिन है। उनकी गिनती बीजेपी के कद्दावर नेताओं में होती है। रिजिजू बीजेपी के उन नेताओं में शुमार हैं जिन्होंने नॉर्थ ईस्ट में बीजेपी को सीट दिलाई।

उनकी कोशिश रहती है कि इस इलाके के साथ पहले जिस तरह का भेदभाव किया जाता रहा है वह न हो। इसके लिए वह तमाम तरह के प्रयास भी करते रहते हैं।

किरण रिजिजू ने दिल्ली से ग्रेजुएशन और कानून की पढ़ाई की है। उनके पार्टी में किये गये योगदान को देखते हुए अरुणाचल से सांसद चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें गृह राज्यमंत्री जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी।

आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम उनके बारें में दस ऐसी खास बातें बताने जा रहे हैं। जो आपको मालूम नहीं होगी।

जब रिजिजू ने बीफ खाने को लेकर दिया था ऐसा बयान, जमकर मचा था घमासान (फोटो:सोशल मीडिया)

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यहां जानें किरन रिजिजू के बारें में दस खास बातें :-

-किरण रिजिजू अरूणाचल प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। वह यहीं के रहने वाले हैं। किरण रिजिजू का जन्म 19 नवंबर 1971 को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जिले के नफ्रा में हुआ था। उनके पिता रिन्चिन खारू बड़े नेता रहे हैं।

-किरण रिजिजू की मां का नाम चिरई रिजिजू है। रिजिजू अरुणाचल पश्चिम लोकसभा से 16वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए, उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को चुनाव में हराने का काम किया था। किरण रिजिजू 2014 में मोदी सरकार में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री बनाये गये थे।

2004 में अरुणाचल पश्चिम सीट से पहली बार सांसद बने थे

- किरण रिजिजू चौदहवीं लोकसभा के लिए भी सांसद चुने गए थे। रिजिजू को 2004 में अरुणाचल पश्चिम से लोकसभा का टिकट दिया गया था और इसी सीट से पहली बार सांसद बने थे।

- किरण रिजिजू संसद में कई बार अपनी हाजिरी और कामकाज से बड़े नेताओं का दिल जीत चुके हैं। यही वजह है कि उन्हें कई समितियों का सदस्य बनाया गया। किरण रिजिजू 2009 में चुनाव हार गए थे लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी और सांसद बने थे।

-दिल्ली एनसीआर में नॉर्थ ईस्ट के लोगों के साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ भी किरण रिजिजू ने आवाज उठाने का काम किया है।

किरण रिजिजू ने 2014 में सरकार में शामिल होने के बाद नॉर्थ ईस्ट के लोगों से जुड़ी समस्याओं पर सुझाव देने के लिए बेजबरुआ कमेटी बनाई थी।

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जब रिजिजू ने बीफ खाने को लेकर दिया था ऐसा बयान, जमकर मचा था घमासान (फोटो:सोशल मीडिया)

किरण रिजिजू के इस बयान पर मचा था घमासान

किरण रिजिजू ने बीफ खाने को लेकर बयान दिया था। जिस पर खूब हो हल्ला भी मचा था। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार एजल की दो दिनी यात्रा पर आए रिजिजू ने पत्रकारों से कहा था कि वैसे राज्य जहां हिंदू बहुसंख्यक हैं, वहां गो हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बना सकते हैं। लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों पर इसे थोपा नहीं जा सकता। यहां बहुसंख्य लोग गोमांस खाते हैं।

उन्होंने कहा था कि मैं अरुणाचल प्रदेश से हूं, मैं गोमांस खाता हूं , क्या कोई मुझे ऐसा करने से रोक सकता है। इसलिए इस मुद्दे को लेकर ज्यादा संवेदनशील होने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा हमारा देश लोकतांत्रिक है, कभी-कभार कुछ लोग ऐसे बयान देते हैं, जो स्वीकार्य नहीं। देश में सभी लोगों की संस्कृति, परंपराओं, आदतों और भावनाओं की कद्र की जानी चाहिए। उनके इस बयान को लेकर बाद में खूब हो हल्ला भी मचा था।

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