जानिए क्या है गुपकार समूह, जिस पर आज मचा है घमासान, BJP ने बताया मुखौटा

जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 लागू होने के बाद से पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती समेत कई अन्य कश्मीरी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। बाद में एक-एक करके इन तमाम नेताओं की रिहाई कर दी गई। ये तीनों ही नेता इस वक्त रिहा हो चुके हैं। रिहा होते ही इन्हें अपने अस्तित्व पर खतरा मंडराते हुए नजर आने लगा। इसलिए आनन-फानन में एक बार फिर से फारूक अब्दुल्ला की अगुवाई में उनके  गुपकार रोड स्थित आवास पर तमाम बड़े कश्मीरी नेताओं की बैठक बुलाई गई और अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग की गई।

Update: 2020-10-17 12:34 GMT
गुपकार समूह में पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन के साथ ही जम्मू कश्मीर के उन सभी राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं जिन्होंने 4 अगस्त को साझा बयान जारी किया था।

नई दिल्ली: पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती दोनों के रिहा होते हुए एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। पिछले दिनों पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत जम्मू कश्मीर के अन्य दलों के नेताओं के बीच एक मीटिंग हुई थी।

ये बैठक फारूक अब्दुल्ला के गुपकार रोड स्थित आवास पर हुई थी। इस बैठक के जरिये जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग की गई थी। साथ ही पीपुल्स अलायंस बनाने का ऐलान किया गया था। अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने गुपकार समूह को मुखौटा करार दिया है।

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला की फोटो(सोशल मीडिया)

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राम माधव ने ट्वीट कर बोला हमला

बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने शनिवार को ट्वीट करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के गुपकार रोड स्थित आवास पर आयोजित बैठक में शामिल होने वाले नेताओं और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम पर निशाना साधते हुए लिखा है- 'गुपकार 2 सिर्फ एक मुखौटा है। हर कश्मीरी जानता है कि विशेष दर्जा वापस नहीं होने जा रहा है, और गुप्कारियों की यह एक चाल भर है। लेकिन मोदी सरकार के लिए अच्छा यह रहा कि 2019 ने 1953 को बदल दिया है। वेलकम टू रियलपोलिटिक।'

राम माधव (Photo Social Media)

 

https://twitter.com/rammadhavbjp/status/1317306993103663104

आखिर क्या है गुपकार समूह

बताते चलें कि गुपकार समूह छह राजनीतिक दलों का वह समूह है जो जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ाई लड़ रहा है।

इस समूह का गठन 22 अगस्त 2019 को फारूक अब्दुल्ला के गुपकार रोड स्थित आवास पर हुई बैठक में किया गया था। गुपकार समूह ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने को असंवैधानिक करार देते हुए इसकी बहाली के लिए संघर्ष करने का ऐलान किया था।

गुपकार समूह में पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन के साथ ही जम्मू कश्मीर के उन सभी राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं जिन्होंने 4 अगस्त को साझा बयान जारी किया था।

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रिहा होते ही सताने लगाने अस्तित्व खोने का डर

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 लागू होने के बाद से पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती समेत कई अन्य कश्मीरी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। बाद में एक-एक करके इन तमाम नेताओं की रिहाई कर दी गई।

ये तीनों ही नेता इस वक्त रिहा हो चुके हैं। रिहा होते ही इन्हें अपने अस्तित्व पर खतरा मंडराते हुए नजर आने लगा। इसलिए आनन-फानन में एक बार फिर से फारूक अब्दुल्ला की अगुवाई में उनके गुपकार रोड स्थित आवास पर तमाम बड़े कश्मीरी नेताओं की बैठक बुलाई गई और अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग की गई। फारूक के साथ उनके बेटे उमर और पूर्व सीएम महबूबा मुफ़्ती भी इस बैठक में शामिल हुई थी।

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