UNEXPECTED: यूपी में सत्ता की लगाम संभालने की रेस में शामिल है BJP का ये युवा नेता

यूपी में सत्ता में वापसी करने के लिए 14 साल बाद बीजेपी ने प्रचंड बहुमत से अपनी धमाकेदार वापसी की है। यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने रिकॉर्ड 325 सीटें हासिल की। इस भारी जीत के अब सबकी निगाहें प्रदेश के नए सीएम पर टिकी हैं।

Update: 2017-03-12 11:14 GMT

मथुरा: यूपी में सत्ता में वापसी करने के लिए 14 साल बाद बीजेपी ने प्रचंड बहुमत से अपनी धमाकेदार वापसी की है। यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने रिकॉर्ड 325 सीटें हासिल की। इस भारी जीत के अब सबकी निगाहें प्रदेश के नए सीएम पर टिकी हैं।

इसी बीच प्रदेश में सत्ता की कमान संभालने के रेस में इस बार बीजेपी का एक युवा चेहरा उभर के सामने आया है, जिनका नाम है श्रीकांत शर्मा। वह मथुरा के रहने वाले हैं।

इस बार उन्हें बीजेपी ने मथुरा से टिकट दिया। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कांग्रेस के प्रदीप माथुर को हराया। श्रीकांत शर्मा को 143361 तो प्रदीप माथुर को 42200 वोट मिले।

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श्रीकांत ने मथुरा के डीएवी स्कूल से स्कूली शिक्षा की और बाद में उच्च शिक्षा के लिए वह दिल्ली चले गए। श्रीकांत शर्मा अब स्थायी रूप से दिल्ली में बस गए हैं हालांकि, उन्होंने कभी दिल्ली की राज्य की राजनीति में शामिल होने का कोई इरादा नहीं दिखाया।

कॉलेज के दिनों के दौरान श्रीकांत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की एक विश्वसनीय और शक्तिशाली आवाज के रूप में उभरे। उस समय दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डीयूएसयू) कांग्रेस की एनएसयूआई के नेतृत्व में था।

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श्रीकांत शर्मा ने उस समय कई ऐसे काम किये जिससे कुछ साल बाद दिशा और दशा में परिवर्तन दिखना शुरू हो गया। उसी का असर है कि दिल्ली के सीएमअरविंद केजरीवाल के सक्रिय होते हुए भी आज डीयूएसयू के सभी चार पदों पर एबीवीपी का कब्जा है।

श्रीकांत शर्मा अब स्थायी रूप से दिल्ली में बसे है। हालांकि उन्होंने दिल्ली राज्य की राजनीति में शामिल होने का कोई इरादा कभी जाहिर नहीं किया।

मीडिया में बीजेपी की उपस्थिति को मजबूत करना

बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव प्रवक्ता होने के नाते श्रीकांत शर्मा का मुख्य उद्देश्य मीडिया में बीजेपी की उपस्थिति को मजबूत करना रहा है। हालांकि कभी कभी टेलीविजन बहस में हिस्सा तेले हुए श्रीकांत शर्मा विपक्षी नेताओं पर काफी गरम हो जाते हैं। जानकारों का कहना है कि शर्मा को राजनीतिक बहस के दौरान इन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इसका दर्शकों के बीच गलत संदेश जाता है।

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