CAA पर हिंसा के बीच ममता बनर्जी का विवादित बयान, देश में मचेगा बवाल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर जनमत संग्रह की मांग की। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर जनमत संग्रह हो।

Update: 2019-12-19 12:21 GMT

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के देश भर में प्रदर्शन हो रहा है। दिल्ली से लेकर कर्नाटक तक हिंसक प्रदर्शन जारी है। उत्तर प्रदेश की राजधानी में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ और आग लगा दी है। इसके अलावा पुलिस पर पत्थर भी फेंके हैं और पुलिस चौकी को भी फूंक दिया है। अब इस बीच ममता बनर्जी ने विवादित बयान दिया जिस पर सियासी बवाल मचना तय है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर जनमत संग्रह की मांग की। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर जनमत संग्रह हो। इसके साथ ही ममता ने कहा है कि यह जनमत संयुक्त राष्ट्र संघ(यूएन) की निगरानी में हो। उन्होंने कहा कि जो हारे उसे इस्तीफा देना चाहिए।

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तो वहीं नागरिकता संशोधन कानून पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है। इस पर किसी बाहरी के दखल देने की जरूरत नहीं है।

ममता बनर्जी ने अपने बयान में कहा कि बीजेपी नेता तब कहां थे जब स्वतंत्रता के लिए संघर्ष हो रहा था? यह शर्मनाक है कि हमारे अभिभावकों को दस्तावेज निकालने पड़ रहे हैं।

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ममता ने कहा कि पहले उन्होंने कहा कि आधार जरूरी है, अब कह रहे हैं कि यह जरूरी नहीं है। बीजेपी को भले ही 32 फीसदी वोट मिले लेकिन 68 फीसदी लोगों ने वोट नहीं दिया है।

ममता बनर्जी ने कहा कि अगर अफगानिस्तान भारत का भाई है तो श्रीलंका क्यों नहीं है? मैं भारत से अपील करती हूं कि लोग गलियों में उतरें। घर में न बैठें, राजनीतिक विचारधारा भूलकर सड़कों पर उतरें।

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इससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा गया है कि यह सरकार छात्रों से डरी हुई है। यह सरकार मीडिया से बात करने पर भारत के सबसे कुशल इतिहासकारों में से एक से डर गई। मैं रामचंद्र गुहा को हिरासत में लेने की निंदा करती हूं।

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