छोटी बातों को लेकर समझौते में बाधा पैदा करना संकुचित सोच: सीएम योगी

Update: 2018-10-29 08:11 GMT

लखनऊ: छोटी छोटी बातों को लेकर समझौते में बाधा पैदा करना एक संकुचित सोच है। देश की एक विराट सोच है। हमारे यहां वसुधैव कुटुम्बकम कहा गया है। यह मेरा है यह तेरा है इस संकुचित सोच में नहीं पड़कर वर्षों से चल रहे विवाद का यूपी और उत्तराखंड की सरकार ने बैठकर समाधान निकाला है।

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कहीं समस्या के समाधान में कोई बाधा नहीं है। संवाद से समस्या का समाधान निकालते हैं तो लोकतंत्र मजबूत और पुष्ट होता है। सीएम योगी आदित्यनाथ सोमवार को यूपी और उत्तराखंड के बीच अन्तर्राज्यीय परिवहन समझौते पर हस्ताक्षर के दरम्यान यह बात कही। इस दौरान उन्होंने प्रयागराज कुंभ के लिए बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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जनता दर्शन के लिए सभागार और हर तरह की सुविधाओं से सुसज्जित सीएम कैम्प कार्यालय की भी शुरूआत हुई। उन्होंने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने हर राज्य से कहा है कि वह अपना एक ऐसा सहयोगी राज्य ढूंढे। जिसके साथ वह अपना सांस्कृतिक संबंध आगे बढा सके।

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परिवहन समझौते के माध्यम से यूपी वासियों को उत्तराखंड के तमाम स्थलों पर दर्शन के लिए जाने में आसानी होगी। यूपी और उत्तराखंड की साझी विरासत एक दूसरे से जुड़ी हुई है। उसे अलग नहीं किया जा सकता। छोटी छोटी बातों को लेकर भारत की एकता और अखण्डता को खण्डित करने की कुत्सित मानसिकता को हमे सफल नहीं होने देना चाहिए।

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परिवहन समझौते से यूपी के अंदर की बड़ी आबादी को उत्तराखंड जाने में लाभ होगा। उत्तराखंडवासियों को यूपी के तमाम तीर्थ स्थलों तक आने में अहम समझौता होगा। कितने ऐसे परिवार है। जिसके पास अपना स्वंय का साधन है। एक बड़ी आबादी ऐसी है जिसे सार्वजनिक साधन की आवश्यक्ता है।

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इसे विस्तार देने के लिए यह समझौता हो रहा है। उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह यहां आए। जाने मुझे ही था। पर मेरा कार्यक्रम था। मैंने उनसे आग्रह किया कि वह यहां तक आ जाएं तो बढिया रहेगा। मुझे विश्वास है कि यह परिवहन समझौता दोनों राज्यों के बीच एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना साकार करेगा।

देश के कुछ परिवहन निगम ही लाभ में, यूपी परिवहन निगम उनमें शामिल

परिवहन महकमे में कई राज्यों के साथ लंबित परिवहन समझौते को एक उंचाई तक पहुंचाया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के समझौते को प्रभावी ढंग से लागू किया है। वाराणसी से काठमांडू जा रही हैं। अभी राम जानकी विवाह होगा। अयोध्या से जनकपुर तक यूपी की परिवहन निगम की बसें जाती हुई दिखाई देगी। जनता के आवागमन को क्यों रोके। यदि वह भारत के हित में है तो उसे सुविधा मिलनी ही चाहिए। देश के अंदर कुछ ही परिवहन निगम हैं जो लाभ में चल रहे हैं। यूपी परिवहन निगम उन्हीं में से एक है।

पहले परिवहन की बसों में बैठने से लगता था डर

सीएम योगी ने कहा कि रोडवेज की बसों में 10 से 15 साल पहले लोग बैठने से डरने लगते थे। पहले ड्राइवर को दिखाई नहीं देता था। परिवहन मंत्री ने आते ही कहा कि हम ड्राइवरों के आंखों की जांच कराएंगे और उन्हें फ्री चश्मा देंगे। हम लोगों ने एनसीआर में सीएनजी की बस चलाने का निर्णय लिया है। कुंभ में 500 बसें चलाने का निर्णय लिया है। इसमें से 51 बसे यहां से चलेंगी। कोशिश है कि कुंभ में श्रद्धालुओं को पांच किमी की दूरी तक रूकने नहीं दे। इसके लिए शटल बसें शुरू कर रहे हैं।

गरीबों के तीर्थाटन के लिए करार अहम

परिवहन महकमे के मुखिया स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि विभाग में आउसोर्सिंग और संविदा कर्मी की समस्याओं का निदान यिका। आउटसोर्सिंग पर छह से सात हजार वेतन मिलता है। वह वेतन भी समय से नहीं मिलता था। संविदा कर्मी को इलाज के लिए पैसा नहीं। बोर्ड में पहली बार इन लोगों के लिए प्रस्ताव लाए।गरीबों के तीर्थाटन के लिए यह करार अहम है।

हमें एक दूसरे की समस्याओं को देखना चाहिए: सीएम उत्तराखंड

उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दोनों राज्यों के बीच अंतर्राज्यीय परिवहन समझौते के मौके पर कहा कि जो वर्षों से लंबित मसले चाहे सिंचाई, अतिथि गृह या परिवहन से जुड़े हैं। उनका तेजी से समाधान हो रहा है। 42 वर्षों से लटकी हुई एक परियोजना है सात राज्यों का उसमें हिस्सा है। केवल एक बैठक में उसका समाधान किया।

हिमांचल में रेणुका बांध का 20 साल से मामला लटका हुआ था। हमें एक दूसरे की समस्या को देखना चाहिए। रेणुका बांध बनता है तो हरियाणा, दिल्ली और यूपी को पानी मिलेगा। लखवाड़ व्यासी बांध परियोजना से हरियाणा, दिल्ली और यूपी को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। एक साल पहले यहीं पर प्राथमिक एमओयू साइन हुआ था। आज अंतिम एमओयू साइन हुआ है। इससे आम लोगों को सुविधा मिलेगी। कुछ लोग पर्यटन के लिए आते हैं। प्राइवेट सर्विसेज को भी इससे सुविधा होगी।

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