अमेठी : यूपी के सुल्तानपुर जिले से बीजेपी सांसद वरुण गांधी के कांग्रेस ज्वाइन करने की बात राजनैतिक गलियारों में कई महिनों से छाई हुई है। तरह-तरह के तर्क-वितर्क के साथ वरुण को बीजेपी में साइड लाइन किए जानें की बात जोर-शोर से चर्चा में है। लेकिन कयासों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने स्पष्ट करते हुए कहा कि वरुण गांधी की कोई जरूरत नहीं है।
वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि हाल के कुछ समय से बीजेपी में रहकर वरुण गांधी ने जिस प्रकार मंचों से अपनी बात कहना, और निधि छोड़ वेतन से लोगों की मदद शुरु की है उससे आमजन में उनका कद बढ़ रहा है। इस तरह की एक्टिविटीज़ में राहुल-वरुण के आगे फीके पड़ सकते हैं।
अमेठी के पत्रकार विवेक विक्रम सिंह कहते हैं ये तो सत्य है के वरुण के पिता संजय गांधी जब तक जीवित रहे उनके सामने कांग्रेस में कोई नहीं था। बावजूद इसके उनकी धर्मपत्नी वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को त्रिमूर्ति भवन से बाहर निकाला गया था। इससे मेनका गांधी काफी आक्रोशित थीं, और इंदिरा गांधी की मौत के बाद उन्होंने अपने स्व. पति के नाम पर "संजय विचार मंच" बनाया। इसी के बैनर तले गांधी-नेहरू परिवार के गढ़ अमेठी में अपने जेठ राजीव गांधी के मुकाबले पर चुनाव लड़ा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सिंह बताते हैं के संजय के सारे अपनों ने मेनका का साथ छोड़ दिया था।
बातचीत में उन्होंने कहा उसी दौरान का हमें एक किस्सा याद आता है। मैं कक्षा 4 का विद्यार्थी था, और अमेठी संसदीय क्षेत्र के रामगंज बाजार में गुहाड़ी मंडी में एक विद्यालय के मैदान में मेनका गांधी की सभा आयोजित थी। जिसमें मेनका पर पत्थर-चप्पल फेंके गये। उसी समय मेनका ने कहा था के "अब मैं अमेठी नहीं आऊंगी, 34 साल होने को है मेनका अमेठी नहीं आईं।"
यही नहीं मेनका ने ये भी कहा था के पूरी अमेठी ही नहीं, "पूरी यूपी और देश की कांग्रेस हमारे पति के इर्द-गिर्द ही थी, पर भरोसा नहीं था अमेठी में मेरे साथ ऐसा होगा।"
राजनैतिक मामलों के एक्सपर्ट सिंह ने कहा के मैं दावे से कह सकता हूँ के मेनका और सोनिया दोनों गांधी का परिवार अब बहुत दूर खड़ा है। नहीं तो कम से कम वाराणसी में वरुण गांधी की शादी में 'ताऊ का परिवार शामिल हुआ ही होता।'
आपको बता दें कि 2017 के गुजरें विधानसभा चुनाव में इस एक्सपर्ट ने सुल्तानपुर और अमेठी की सभी 10 सीटों को लेकर जो एनालीसिस की थी रिजल्ट आनें के बाद वो शत प्रतिशत सही थी। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा के जब वरूण गांधी ने सुल्तानपुर से 2014 में पर्चा भरा तब प्रियंका गांधी ने वरुण गांधी की आलोचना की थी। "प्रियंका गांधी ने कहा था कि ये विचारों की लड़ाई है और वरुण ने गांधी परिवार के साथ गद्दारी की है।"
'वरूण गांधी ने भी पलटवार करते हुए कहा था कि प्रियंका गांधी शिष्टाचार की सीमा लांघ रही हैं।'